जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में किशनगढ़ से रैफर कोरोना मरीज नेपाल निवासी लोक बहादुर की उपचार के दौरान दो दिन पहले शुक्रवार को मौत हो गई। मार्बल श्रमिक की मौत के बाद शव को अस्पताल के मुर्दाघर में रखवा दिया। लोक बहादुर समेत बीते चौबीस घंटे में यहां पांच संक्रमित शव पहुंच गए जबकि सड़क हादसे से जुड़े ४ अन्य शव भी मोर्चरी में रखे हुए है। दस शव रखने की क्षमता वाले मुर्दाघर में 9 शव रखे जा चुके है। ऐसे में मेडिकल ज्युरिस्ट विभाग के चिकित्सकों और स्टाफ में बेचेनी बढ़ती जा रही है कि अब एक से भी ज्यादा शव मोर्चरी पहुंचते है तो उन्हें रखने और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
गांधी नगर थाने को लेना है फैसला
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि नेपाली श्रमिक लोक बहादुर किशनगढ़ में मार्बल फैक्ट्री में काम करता था। संक्रमित होने पर उसको किशनगढ़ के यज्ञनारायण से रैफर किया गया था। यहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। कोतवाली थाना पुलिस ने मामला गांधीनगर थाने का बताकर मामला टाल दिया। अब अस्पताल और नगर निगम प्रशासन के सामने श्रमिक पड़ोसी देश नेपाल का होने के चलते अंतिम संस्कार व पोस्टमार्टम करवाने का फैसला गांधीनगर थाना पुलिस को लेना है।
खर्च उठाने की सहमति अस्पताल प्रशासन के स्तर पर किए गए प्रयास में किशनगढ़ के त्रिमूर्ति मार्बल के मालिक ने अपने श्रमिक लोक बहादुर के अंतिम संस्कार का खर्च वहन करने की भी सहमति दे दी लेकिन अब फैसला गांधीनगर थाना पुलिस को करना है। आखिर शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा या बिना पोस्टमार्टम ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए।
इनका कहना है… कोविड-19 के शव का निस्तारण नगर निगम कर रहा है। शव के निस्तारण का निर्णय संबंधित थाना पुलिस को लिया जाना है। शमशेर खां, थानाप्रभारी कोतवाली श्रमिक के परिजन ने मार्बल व्यवसायी को अंतिम संस्कार की सहमति दी है। कोविड गाइडलाइन अनुसार पोस्टमार्टम करने व ना का निर्णय अस्पताल प्रशासन को लिया जाना है। मार्बल व्यवसायी को बुलाया है। निस्तारण के प्रयास किए जा रहे हैं।
विजयसिंह, थानाधिकारी गांधीनगर