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New Analysis: भर्ती परीक्षाओं में घटते परीक्षार्थी, बदल रहा नौकरियों का ट्रेंड

locationअजमेरPublished: Oct 04, 2021 08:58:57 am

Submitted by:

raktim tiwari

1.50 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं सहायक आचार्य परीक्षा में। नहीं है अब तक हुए पेपर में ज्यादा उपस्थिति।

rpsc assistant professor exam 2020

rpsc assistant professor exam 2020

रक्तिम तिवारी/अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की सहायक आचार्य (कॉलेज शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा के ट्रेंड में काफी बदलाव दिख रहा है। अभ्यर्थियों के ओवरएज और नेट-पीएचडी योग्यता नहीं होने से उपस्थिति कम दिख रही है।
सहायक आचार्य भर्ती-2020 की शुरुआत बीती 22 सितंबर से हुई है। परीक्षा के लिए 1.50 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। कुल 31 विषयों में 918 पदों पर सहायक आचार्यों की भर्ती होगी।

उपस्थिति 50 प्रतिशत से नीचे
आयोग अब तक 19 विषयों के पेपर करा चुका हैं। इसमें से सर्वाधिक उपस्थिति होम साइंस (क्लोथ टेक्सटाइल) में 44.78 प्रतिशत और न्यूनतम उपस्थिति गणित में 23.27 प्रतिशत रही है। अन्य विषयों में उपस्थिति का ग्राफ 24.11 से 43.65 प्रतिशत के आसपास रहा है।
कई हो गए ओवरएज..
राज्य में नौकरी में आवेदन की अधिकतम आयु 40 वर्ष है। सहायक आचार्य भर्ती पांच साल बाद निकली है। कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। इसके अलावा स्नातकोत्तर विषयों में उत्तीर्ण अथवा विभिन्न परीक्षाएं दे रहे अभ्यर्थियों के पास नेट-पीएचडी की डिग्री नहीं है।
एसआई-रीट और आरएएस पर फोकस
राज्य में 13 से 15 सितंबर तक हुई सब इंस्पेक्टर परीक्षा के लिए 7.50 लाख और 26 सितंबर को रीट परीक्षा के लिए 26 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। इनमें 85 प्रतिशत अभ्यर्थी रीट और 47.54 प्रतिशत ने सब इंस्पेक्टर परीक्षा में बैठे। आरएएस परीक्षा में 6.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं।
20 फीसदी बदल चुके नौकरी
कॉलेज शिक्षा भर्ती के 2010 से 2015-16 तक 1390 पदों पर भर्ती हुई है। इनमें से करीब 20 फीसदी कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी छोड़ चुके हैं। ऐसे अभ्यर्थी आइएएस, आईपीएस, आरएएस, आरपीएस बैंक-बीमा क्षेत्र का रुख कर चुके हैं।

अधिकतम उम्र सीमा निकलना और वांछित नेट-पीएचडी डिग्री नहीं होने से उपस्थिति ग्राफ कम दिख रहा है। योग्यता परीक्षाएं और उनकी डिग्री समय पर मिलें तो जरूर ट्रेंड बदल सकता है।
डॉ. मनोज यादव, सह आचार्य बॉटनी, एसपीसी-जीसीए
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