scriptमर गई संवेदना…चार दिन के मृत शिशु को छोड़ भागे परिजन | new bornbaby Broken breath Then leave it | Patrika News

मर गई संवेदना…चार दिन के मृत शिशु को छोड़ भागे परिजन

locationअजमेरPublished: Apr 25, 2019 01:20:54 am

Submitted by:

manish Singh

जिसको नौ माह तक पेट में पाला उस मां की क्या मजबूरी रही कि वह अपने चार दिन के नवजात की मौत के बाद शव छोड़ गई। पढ़े पूरी खबर….

new bornbaby Broken breath Then leave it

मर गई संवेदना…चार दिन के मृत शिशु को छोड़ भागे परिजन

चार दिन के नवजात को अस्पताल में भगवान भरोसे छोड़ा, पुलिस ने बुलाकर करवाया अंतिम संस्कार

मनीष कुमार सिंह

अजमेर. चार दिन के नवजात ने अस्पताल में अंतिम सांसें ली तो मां-बाप भी शव भगवान भरोसे छोड़ गए। जब सुबह चिकित्सकों को नवजात के माता-पिता नहीं मिलते तो हड़कम्प मच गया। उन्होंने मेडिकल फोरेंसिक विभाग और पुलिस चौकी में सूचना देते हुए नवजात के शव को मोर्चरी में रखवा दिया। आखिर कोतवाली थाना पुलिस ने बालक के पिता को बुलाकर शव का अंतिम संस्कार करवाया।
भीलवाड़ा जिले के सिन्दरी के बालाजी निवासी हुकमचंद बागरिया ने मंगलवार शाम चार दिन के नवजात को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के शिशुरोग विभाग की आईसीयू में भर्ती कराया। रात करीब 8.30 बजे हुकम बालक की मृत्यु होने का दावा कर घर ले जाने की जिद करने लगा। बकौल हुकमचंद चिकित्सकों ने बिना जांच के देने से इन्कार कर दिया। काफी इंतजार के बाद हुकम अपनी पत्नी को लेकर भीलवाड़ा के लिए निकल गया। इधर सुबह तक नवजात के परिजन नहीं आने पर चिकित्सकों के हाथ पैर फुल गए। काफी तलाश के बाद भी चिकित्सकों को नवजात शिशु के परिजन नहीं मिले तो मेडिकल फोरेंसिक विभाग को सूचित करते शव मोर्चरी में रखवा दिया। फोरेंसिक विभाग ने मामले में सदर कोतवाली थाने की अस्पताल पुलिस चौकी की मदद ली। पुलिस ने नवजात के परिजन को तलाशते हुए समझाइश कर अजमेर बुलाया। जहां बुधवार देर शाम पुलिस कर्मियों की मदद से परिजन की मौजूदगी में नवजात के शव का अंतिम संस्कार किया।
पांच घंटे में ढूंढ निकाला

चौकी में तैनात हैडकांस्टेबल अनिताराज व सिपाही परसाराम ने मशक्कत करते हुए दूरभाष पर भीलवाड़ा जिला पुलिस की मदद ली। आखिर दोपहर 2 बजे हैडकांस्टेबल अनिताराज की हुकमचंद से मोबाइल पर बात हुई। बातचीत में हुकम ने पत्नी की तबीयत खराब होने और और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला दिया। पुलिस ने हुकम को आर्थिक मदद व अंतिम संस्कार का विश्वास दिलाया। पुलिस के विश्वास पर आखिर देर शाम हुकम अपने रिश्तेदारों के साथ लौटा। यहां आर्थिक मदद पर ऋषिघाटी स्थित श्मसान स्थल पर नवजात का अंतिम संस्कार किया।
पत्नी की तबीयत खराब

हुकमचंद ने बताया कि चार दिन पहले ही उसकी पत्नी बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे यहां भर्ती करवाया। उसकी पत्नी भी बच्चे के साथ आ गई लेकिन मंगलवार शाम उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे जब बच्चे की मरने का ऐहसास हुआ तो चिकित्सकों को बच्चों को ले जाने के लिए कहा लेकिन चिकित्सकों ने उसे टालते हुए समय लगा दिया। आखिर वह बच्चे को अस्पताल के हवाले छोड़ पत्नी को लेकर भीलवाड़ा रवाना हो गया।
इनका कहना है….
मामले में मुझे कोई जानकारी नहीं मिली।

डॉ. अनिल जैन, अधीक्षक जेएलएन अस्पताल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो