विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष विद्यार्थियों की उपाधियों को प्रबंध मंडल और विद्या परिषद से ग्रेस पास कर दीक्षान्त समारोह कराता रहा है। साथ ही विद्यार्थियों की उपाधियां समारोह के बाद कॉलेज में भेजने की परम्परा रही है। कॉलेज भी इन उपाधियों को अलमारी में बंद रखते हैं। छात्र-छात्राओं के कॉलेज आने पर उनसे निर्धारित शुल्क लेकर उपाधियां दी जाती हैं। कई विद्यार्थी तो दूरदराज इलाकों में नौकरी और व्यावसायिक व्यस्तता के चलते उपाधियां नहीं ले पाते। लिहाजा कुलाधिपति एवं राज्यपाल कल्याण सिंह ने कॉलेज स्तर भी उपाधियां बांटने के निर्देश दिए हैं।
विश्वविद्यालय भेजेगा पत्र
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध कॉलेज को उपाधि वितरण समारोह के लिए पत्र भेजेगा। कॉलेज अपनी सुविधानुसार समारोह का आयोजन कर विद्यार्थियों कोउपाधियां बांट सकेंगे। कॉलेज को भी बाकायदा समारोह की अधिसूचना जारी करनी पड़ेगी। ताकि विद्यार्थियों को जानकारी मिल सके। आवश्यकता पडऩे पर छात्र-छात्राओं का पंजीकरण भी कर सकेंगे। अलबत्ता विश्वविद्यालय को उपाधियां तैयार कर समय रहते भेजनी होंगी। ऐसा नहीं होने पर कॉलेज समारोह नहीं कर पाएंगे।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय सभी सम्बद्ध कॉलेज को उपाधि वितरण समारोह के लिए पत्र भेजेगा। कॉलेज अपनी सुविधानुसार समारोह का आयोजन कर विद्यार्थियों कोउपाधियां बांट सकेंगे। कॉलेज को भी बाकायदा समारोह की अधिसूचना जारी करनी पड़ेगी। ताकि विद्यार्थियों को जानकारी मिल सके। आवश्यकता पडऩे पर छात्र-छात्राओं का पंजीकरण भी कर सकेंगे। अलबत्ता विश्वविद्यालय को उपाधियां तैयार कर समय रहते भेजनी होंगी। ऐसा नहीं होने पर कॉलेज समारोह नहीं कर पाएंगे।
शुल्क लेना सही या कुछ और…
कायदे से विश्वविद्यालय और कॉलेज विद्यार्थियों से स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढऩे की एवज में फीस वसूलते हैं। इसमें विकास, खेल और अन्य शामिल होते हैं। इसके बावजूद कॉलेज और विश्वविद्यालय उपाधियां देने की एवज में 100 से 150 रुपए तक शुल्क वसूलते हैं। इस राशि संस्था के विकास के नाम पर लिया जाता है। अजमेर के बॉयज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज ने तो उपाधि वितरण समारोह का पंजीयन शुल्क ही पांच सौ रुपए निर्धारित किया है।
कायदे से विश्वविद्यालय और कॉलेज विद्यार्थियों से स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढऩे की एवज में फीस वसूलते हैं। इसमें विकास, खेल और अन्य शामिल होते हैं। इसके बावजूद कॉलेज और विश्वविद्यालय उपाधियां देने की एवज में 100 से 150 रुपए तक शुल्क वसूलते हैं। इस राशि संस्था के विकास के नाम पर लिया जाता है। अजमेर के बॉयज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज ने तो उपाधि वितरण समारोह का पंजीयन शुल्क ही पांच सौ रुपए निर्धारित किया है।