भारत में संभावनाएं क्यों
भारत पिछले एक डेढ़ दशक में ऐसे डेस्टिनेशन के रूप में बहुत लोकप्रिय हुआ है, जहां खूबसूरत जगहों पर सैर-सपाटे के साथ सस्ती, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। कुछ वर्षो में अतिविशिष्ट चिकित्सा व्यवस्था, देखभाल और अन्य सुविधाओं के कारण पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं और देश की साख में अच्छा इजाफा हुआ है। यहां तकनीक और उपकरणों की उपलब्धता के साथ ही भाषा की समस्या भी नहीं होती। जबकि यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों में चिकित्सा मंहगी होने के साथ ही लम्बा इंतजार भी रहता है। ऐलोपैथिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद और योग जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।
भारत पिछले एक डेढ़ दशक में ऐसे डेस्टिनेशन के रूप में बहुत लोकप्रिय हुआ है, जहां खूबसूरत जगहों पर सैर-सपाटे के साथ सस्ती, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। कुछ वर्षो में अतिविशिष्ट चिकित्सा व्यवस्था, देखभाल और अन्य सुविधाओं के कारण पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं और देश की साख में अच्छा इजाफा हुआ है। यहां तकनीक और उपकरणों की उपलब्धता के साथ ही भाषा की समस्या भी नहीं होती। जबकि यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों में चिकित्सा मंहगी होने के साथ ही लम्बा इंतजार भी रहता है। ऐलोपैथिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद और योग जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।
156 देशों में मेडिकल वीजा
पर्यटन मंत्रालय की ओर से अब 'मेडिकल वीजा' की शुरुआत की गई है। यह चिकित्सा उपचार के लिए भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है। 156 देशों में सुविधा के लिए 'ई-मेडिकल वीजा' और 'ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा' भी प्रारंभ किए गए हैं।
पर्यटन मंत्रालय की ओर से अब 'मेडिकल वीजा' की शुरुआत की गई है। यह चिकित्सा उपचार के लिए भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों को विशिष्ट उद्देश्य के लिए दिया जा सकता है। 156 देशों में सुविधा के लिए 'ई-मेडिकल वीजा' और 'ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा' भी प्रारंभ किए गए हैं।
राजस्थान में अपार संभावनाएं
पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान की अलग पहचान है। बीते कुछ सालों में यहां मेडिकल टूरिज्म तेजी से बढ़ा है। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भी अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से युक्त 588 करोड़ की लागत से आईपीडी टावर एवं हृदय रोग संस्थान का शिलान्यास कर इसी दिशा में नई शुरूआत हुई है। यहां अलग से वर्ल्ड क्लास वार्ड, कॉटेज और कैफिटेरिया जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके।
पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान की अलग पहचान है। बीते कुछ सालों में यहां मेडिकल टूरिज्म तेजी से बढ़ा है। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भी अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से युक्त 588 करोड़ की लागत से आईपीडी टावर एवं हृदय रोग संस्थान का शिलान्यास कर इसी दिशा में नई शुरूआत हुई है। यहां अलग से वर्ल्ड क्लास वार्ड, कॉटेज और कैफिटेरिया जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके।
साल दर साल यूं बढ़े पर्यटक
पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार चिकित्सा कारणों से वर्ष 2009 से 2019 तक 11 वर्षो के दौरान कुल 34,58,737 विदेशी पर्यटक भारत पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण आवाजाही पर पाबंदी होने से पर्यटन प्रभावित रहा। हर वर्ष भारत आने वाले पर्यटक इस प्रकार हैं...
वर्ष 2009 में 1,12,389 पर्यटक,
वर्ष 2010 में 1,15,944 पर्यटक,
वर्ष 2011 में 1,38,803 पर्यटक,
वर्ष 2012 में 1,71,021 पर्यटक,
वर्ष 2013 में 2,36,898 पर्यटक,
वर्ष 2014 में 1,39,447 पर्यटक,
वर्ष 2015 में 2,33,918 पर्यटक,
वर्ष 2016 में 4,27,010 पर्यटक,
वर्ष 2017 में 4,95,056 पर्यटक,
वर्ष 2018 में 6,40,798 पर्यटक
वर्ष 2019 में 6,97,453 पर्यटक
पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार चिकित्सा कारणों से वर्ष 2009 से 2019 तक 11 वर्षो के दौरान कुल 34,58,737 विदेशी पर्यटक भारत पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण आवाजाही पर पाबंदी होने से पर्यटन प्रभावित रहा। हर वर्ष भारत आने वाले पर्यटक इस प्रकार हैं...
वर्ष 2009 में 1,12,389 पर्यटक,
वर्ष 2010 में 1,15,944 पर्यटक,
वर्ष 2011 में 1,38,803 पर्यटक,
वर्ष 2012 में 1,71,021 पर्यटक,
वर्ष 2013 में 2,36,898 पर्यटक,
वर्ष 2014 में 1,39,447 पर्यटक,
वर्ष 2015 में 2,33,918 पर्यटक,
वर्ष 2016 में 4,27,010 पर्यटक,
वर्ष 2017 में 4,95,056 पर्यटक,
वर्ष 2018 में 6,40,798 पर्यटक
वर्ष 2019 में 6,97,453 पर्यटक
क्या है लक्ष्य
- अतुल्य भारत ब्रांड लाइन की तरह मेडिकल टूरिज्म बढ़ाना।
- विश्वस्तरीय अस्पताल, सुविधाएं और विशेषज्ञ तैयार करना।
- एलोपैथी के साथ योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी पारंपरिक पद्धति को बढ़ाना।
- विकसित देशों की लम्बी प्रतीक्षा अवधि का फायदा लेना।
ये हैं अड़चन
- मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के लिए संगठित ढांचा नहीं,
- सेवाओं की गुणवत्ता की निगरानी के लिए कोई नोडल एजेंसी नहीं
- अस्पतालों के समान मूल्य निर्धारण की नीति का अभाव
- आपसी प्रतिस्पर्धा और बिचौलियों के कारण शोषण
- मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के लिए संगठित ढांचा नहीं,
- सेवाओं की गुणवत्ता की निगरानी के लिए कोई नोडल एजेंसी नहीं
- अस्पतालों के समान मूल्य निर्धारण की नीति का अभाव
- आपसी प्रतिस्पर्धा और बिचौलियों के कारण शोषण
एक्सपर्ट कमेंट
राजस्थान में इलाज दूसरे देशों या प्रदेशों की तुलना में बहुत ही किफायती और गुणवत्तापूर्ण है। सरकार ने तो अब सभी जांचें निशुल्क कर दी हैं। अजमेर बेहतरीन मिसाल है जहां, गैर-सरकारी ही नहीं सरकारी अस्पताल में भी बहुत ही आधुनिक वार्ड, उपकरण, कॉटेज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही बहुत अनुभवी और पेशेवर विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। इस दिशा में सरकार अच्छे कदम उठा रही है। साल दर साल यहां सुविधाएं बेहतरीन हो रही हैं।
डॉ अनिल सामरिया,
वरिष्ठ आचार्य,
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल अजमेर
पब्लिक कनेक्ट:
मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाने के लिए क्या मौजूदा इंतजाम पर्याप्त हैं? निम्न लिंक पर अपनी राय दें...
https://forms.gle/mauvJjvdtxqhudBQ9
राजस्थान में इलाज दूसरे देशों या प्रदेशों की तुलना में बहुत ही किफायती और गुणवत्तापूर्ण है। सरकार ने तो अब सभी जांचें निशुल्क कर दी हैं। अजमेर बेहतरीन मिसाल है जहां, गैर-सरकारी ही नहीं सरकारी अस्पताल में भी बहुत ही आधुनिक वार्ड, उपकरण, कॉटेज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही बहुत अनुभवी और पेशेवर विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। इस दिशा में सरकार अच्छे कदम उठा रही है। साल दर साल यहां सुविधाएं बेहतरीन हो रही हैं।
डॉ अनिल सामरिया,
वरिष्ठ आचार्य,
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल अजमेर
पब्लिक कनेक्ट:
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