ऐसे काम करेगा एप
अब तक सतर्कता दल मौके पर बिजली चोरी पकडऩे के बाद मैनुअल तरीके से मौके पर या ऑफिस आकर वीसीआर भरते थे। इसमें नाम, पता और चोरी की डिटेल भरी जाती थी लेकिन इसके बाद भी कई बार सिफारिश आ जाने पर वीसीआर राशि कम करने या खत्म करने की शिकायतें भी प्राप्त होती थीं। वहीं वीसीआर में कांट-छांट, ओवरराइटिंग तथा मैन्युप्लेशन की भी संभावनाएं बनी हुईं थीं।
इन आशंकाओं को खत्म करने तथा वीसीआर में पारदर्शिता लाने के लिए यह एप लॉंच किया गया है। इसके तहत मौके पर निरीक्षण के दौरान सतर्कता दल बिजली चोरी मिलने पर एप से फोटो लेगा और वीडियो बनाएगा। एप में ही सारे उपभोक्ताओं की डिटेल पहले से ही फीड होगी। जैसे ही सम्बंधित उपभोक्ता का कंजूमर नम्बर डाला जाएगा, वैसे ही चोरी के अनुसार पूरी डिटेल तथा उसकी जुर्माना राशि जनरेट हो जाएगी। इसके बाद एप में ही उपभोक्ता का डिजीटल हस्ताक्षर कराए जाएंगे। सम्बंधित उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर राशि का एसएमएस आ जाएगा।
संपूर्ण जानकारी सर्किल के अधीक्षण अभियंता तथा अधीक्षण अभियंता (आईटी) के पास भी पहुंच जाएगी। इसके बाद किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं हो पाएगी। इससे वीसीआर में पारदर्शिता आएगी तथा शिकायतों का भी मौका नहीं मिलेगा। एक मई के बाद पूरे प्रदेश में कहीं भी मैन्युअल तरीके से वीसीआर नहीं भरी जाएगी। इसके लिए निगम ने तैयारी शुरू कर दी है।
बिजली चोरी में अव्वल धौलपुर प्रदेश में सबसे अधिक विद्युत छीजत तथा बिजली चोरी धौलपुर जिले में होती है। वहीं वीसीआर भरे जाने के बाद भी राजनेताओं तथा प्रभावशाली लोगों से वीसीआर खत्म करने का दबाव बनाया जाता है।
इनका कहना है जेवीवीएनएल के एमडी की ओर से सतर्कता एप लॉंच किया गया है। अब बिजली चोरी पकडऩे के लिए एप का उपयोग किया जाएगा। जिससे वीसीआर सही तरीके से भरी जा सके। साथ ही किसी भी प्रकार की कांटछांट या मैन्युप्लेशन नहीं हो सके। इसे एक मई से लागू किया जाएगा।
बीएल वर्मा, अधीक्षण अभियंता, जेवीवीएनएल, धौलपुर।