इन भवन मालिकों ने यहां अपना कामकाज भी शुरू कर दिया, लेकिन अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की जहमत तक नहीं उठाई। ऐसे में यहां पर भी सूरत जैसे हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसा नहीं है कि नगर परिषद की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई हो,लेकिन यह कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक ही सीमित रहती है।
गत माह में ही नगर परिषद के अग्निशमन विभाग की ओर से करीब सवा सौ से ज्यादा निजी क्लिनिक, मेरीज गार्डन, होटल व सामाजिक भवनों को इन भवन मालिकों को नोटिस जारी किए गए। इसमें व्यावसायिक बहुमंजिला भवन शामिल नहीं है और शहर में इनकी संख्या भी करीब सौ से ज्यादा है।
बहुमंजिला भवनों की भरमार ब्यावर शहर में बहुमंजिला भवनों की भरमार है। इन भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित है। इन भवनों में जहां वाणिज्यिक सस्थान, बैंक, कोचिंग इंस्टीट्यूट, होटल आदि का संचालन हो रहा है, वहीं निजी चिकित्सा क्लिनिक, मेरीज गार्डन, सामाजिक भवन में विभिन्न समारोह होते हैं। यहां पर लोगों की नियमित रूप से आवाजाही हो रही है।
इन भवनों में आग अगर लग जाए तो अधिकतर में दो रास्ते भी नहीं है। साथ ही जगह इतनी कम है कि आग बुझाने के लिए प्रयास भी सुचारू रूप से नहीं कर सकते। इन भवनों में आग बुझाने के लिए कोई सुरक्षा उपकरण नहंी लगे है। गौरतलब है कि शुक्रवार को सूरत के कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में दोपहर भीषण आग के चलते 19 विद्यार्थियों व एक शिक्षक की मौत हो गई थी।
सूरत हादसे के बाद चेता प्रशासन अग्निशमन विभाग के मुताबिक सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त नहीं है। यही कारण है कि अप्रेल माह में ही २७ क्लिनिक, २९ मैरीज गार्डन, २१ होटल व ५४ सामाजिक भवनों को नोटिस जारी कर आग लगने पर बचाव के उपाय करने के लिए नोटिस जारी किए हैं।
लक्ष्मीनारायण भाटी, प्रभारी अधिकारी, अग्निशमन विभाग, नगर परिषद, ब्यावर का कहना है अधिकतर भवनों में आग से बचने के लिए उपकरण नहीं लगे हैं। न ही भवनों को एनओसी जारी की गई है। पिछले माह ही 131 भवन मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं। आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।