कोरोना के कारण महीनों तक राजस्व मंडल में न्यायिक कामकाज प्रभावित रहा। लम्बित मुकदमों की संख्या 62 हजार 693 पहुंच चुकी है। वर्ष 2019 में मार्च से लेकर सितम्बर तक 4783 मुकदमें दर्ज हुए जबकि 4905 (पेंडिग सहित) का निस्तारण हुआ। जबकि इस अवधि में इस वर्ष केवल 2321 मुकदमें दर्ज हुए और सिर्फ 1669 का ही निस्तारण हो सका।
राजस्व अधीनस्थ अदालतों का हाल
राजस्व अधीनस्थ अदालतों में 1 मार्च 2020 से 30 सितम्बर 2020 के बीच 48 हजार 615 मुकदमें दर्ज हुए जबकि केवल 15 हजार 687 मुकदमों का ही निस्तारण हुआ। जबकि इसी अवधि में वर्ष 2019 में 74004 नए केस दर्ज हुए तथा 52 हजार 251 केस निस्तारित हुए। गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष इस अवधि में 36 हजार 564 मुकदमों का निस्तारण कम हुआ। वर्तमान में इन अदालतों में 4 लाख 27 हजार 262 मुकदमें लम्बित है।
दर्ज और निस्तारित (1 मार्च 2020 से 30 सितम्बर 2020 के बीच ) संभागीय आयुक्त कोर्ट में 1289 केस दर्ज हुए और केवल 165 का ही निस्तारण हुआ। इसी तरह अतिरिक्त संभागीय कोर्ट ं में 376 दर्ज और 102 निस्तारित हुए।
राजस्व अपील अधिकारी कोर्ट 1404 दर्ज और 803 का निस्तारण हुआ। भू-प्रबन्ध अधिकारी पदेन राजस्व अपील अधिकारी कोर्ट में 580 मामले दर्ज हुए जिनमें से 235 निस्तारित हुए। जिला कलक्टर कोर्ट में 3173 दर्ज हुए और 2214 का निस्तारण हुआ।
अतिरिक्त जिला कलक्टर कोर्ट मेें 3543 मामले दर्ज हुए 1205 का निस्तारण हुआ। उपखंड अधिकारी कोर्ट में 32322 में केस दर्ज हुए 8907 का निस्तारण हुआ। सहायक कलक्टर कोर्ट में 28848 केस दर्ज हुए 1156 का निस्तारण हुआ।
सहायक कलक्टर (एफटी) कोर्ट में 25770 केस दर्ज हुए 508 का निस्तारण हुआ। तहसीलदार कोर्ट में 787 केस दर्ज हए 338 का निस्तारण हुआ। नायब तहसीलदार कोर्ट मेें 464 केस दर्ज हुए केवल 54 ही निस्तारित हुए।
उपनिवेशन में एक भी नया केस दर्ज नहीं हुआ और न एक भी निस्तारित हुआ। read more:
झूलों की आड़ में कर रहे गड़बड़झाला !