वर्षों बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने यहां कार्य शुरू करवाया है। सहेली बाजार में स्थित तिबारों की मरम्मत और रंग-रोगन का कार्य चल रहा है। बारादरी की तरफ से सीढिय़ां भी बनाई गई हैं। इससे बारादरी में आने वाले लोग सहेली बाजार को भी देख सकेंगे।
हालांकि विभाग का कहना है कि वहां निगरानी के लिए उन्हें अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत पड़ेगी।
हालांकि विभाग का कहना है कि वहां निगरानी के लिए उन्हें अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत पड़ेगी।
आगंतुकों को सुविधाएं कम, अखर रहा ज्यादा शुल्क आनासागर स्थित ऐतिहासिक बारादरी पर जाने के लिए एक व्यक्ति को 25 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। लेकिन अंदर जाने पर पता चलता है कि देखने को बारादरी और झील के अलावा कुछ भी नहीं है। ऐसे में यहां आने वाले लोगों को 25 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क अखर रहा है रहे हैं। बारादरी पर सुविधाएं बढ़ें तो पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा।
25 रुपए जैसा कुछ तो हो. . . लोगों का कहना है कि बारादरी में प्रवेश के 25 रुपए प्रति व्यक्ति वसूले तो जा रहे हैं लेकिन 25 रुपए जैसा कुछ है नहीं। उन्हें अगर आनासागर झील ही देखनी है तो वह रामप्रसाद घाट या किसी चौपाटी पर जाकर भी देख सकते हैं।
इनका कहना है
सहेली बाजार का जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। लोगों की इसमें आवाजाही पर विचार किया जाएगा। क्योंकि निगरानी के लिए स्टाफ की जरूरत पड़ेगी। बिना स्टाफ के वहां लोगों की आवाजाही शुरू नहीं की जा सकती।
सहेली बाजार का जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। लोगों की इसमें आवाजाही पर विचार किया जाएगा। क्योंकि निगरानी के लिए स्टाफ की जरूरत पड़ेगी। बिना स्टाफ के वहां लोगों की आवाजाही शुरू नहीं की जा सकती।
-दयानंद गुप्ता संरक्षण सहायक, भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग