अजमेर

अब राजस्थान में सिपाही कर सकेंगे अनुसंधान!

अनुसंधान अधिकारी की कमी से जूझ रही राजस्थान पुलिस आगामी दिनों में सिपाही को अनुसंधान अधिकारी का दर्जा देने पर विचार किया जा रहा है

अजमेरJun 14, 2019 / 05:02 pm

manish Singh

अब राजस्थान में सिपाही कर सकेंगे अनुसंधान!

डीजीपी ने कहा आगामी दिनों में हो सकता है निर्णय, पुलिस की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए लिया जा सकता है निर्णय
अजमेर.
अनुसंधान अधिकारी की कमी से जूझ रही राजस्थान पुलिस आगामी दिनों में सिपाही को अनुसंधान अधिकारी का दर्जा देने पर विचार किया जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग के सेवानिवृत्ति पर जाने से पहले फैसले पर मोहर लग सकती है।
डीजीपी गर्ग यहां प्रेसवार्ता के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पुलिस में अनुसंधान अधिकारियों की बड़ी कमी है। ऐसे में गतदिनों पुलिसिंग की अहम कड़ी माने जाने वाले सिपाही को अनुसंधान अधिकारी के अधिकार देने पर भी विचार विर्मश किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राउंड स्तर पर सिपाही ही प्रकरण में अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिला पुलिस के काबिल सिपाहियों को प्रशिक्षत कर उनको कुछ चिह्नित अपराधों में अनुसंधान का अधिकार दिया जा सकता है। हालांकि प्रस्ताव पर राज्य सरकार की मोहर लगना बाकि है।
जल्द होगी सिपाही-सब इंस्पेक्टर भर्ती

डीजीपी गर्ग ने कहा कि प्रदेश में पुलिस थानों में नफरी की कमी है। राज्य सरकार आगामी दिनों में 8 हजार कांस्टेबल व एक हजार उप निरीक्षकों की भर्ती करेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रत्येक थाने पर विजिटर रूम बनेगा। ताकि आमजन को बैठने के साथ अच्छे माहौल में सुनवाई हो सके।
मिलेगा बॉडी वॉर्न कैमरा
डीजीपी ने बताया कि बीते पांच माह में उनकी तकनीकी टीम ने प्रतिदिन काम किया है। आगामी दिनों में पुलिसकर्मियों को बॉडीवॉर्न कैमरा मिलेगा। जो धरना, प्रदर्शन के समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी व सिपाही की वर्दी पर लगा होगा। जिससे सामने मौजूद व्यक्ति की हरकत की रिकॉडिंग से होगा। वहीं पुलिस का जवान व अधिकारी की वाइस भी रिकॉर्ड हो सकेगी।इसके अलावा पुलिस थानों पर 6-6 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। इनसे एसपी और सीओ सीधे थाने पर नजर रख सकेंगे।
फ्रेण्ड्स पुलिसिंग होगी लॉन्च
डीजीपी गर्ग ने कहा कि आगामी दिनों में फ्रेण्ड्स पुलिसिंग, स्टूडेंट कैडट्स स्कीम को लॉन्च करने की कार्ययोजना है। यह भी कम्प्युनिटी पुलिस का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बिना कम्प्युनिटी पुलिसिंग कार्य संभव नहीं है। बीट प्रणाली भी कम्प्युनिटी पुलिसिंग का ही हिस्सा है। इसके अलावा कई नवाचार किए जा रहे है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव आएगा।
डीजीपी गर्ग ने कहा कि सम्पर्कसभा में कनिष्टतम अधिकारी से जुडऩे का प्रयास किया जाता है। सम्पर्कसभा में उनसे हमें, सरकार व आमजन को क्या अपेक्षाएं है। यह बताने व सूनने का प्रयास किया जाता है। उनकी समस्याएं सूनकर समाधान के प्रयास किए जाते है। उन्होंने कहा कि मैने अपने तरीके से सम्पर्क सभा में जवानों से बातकर अपना बेस्ट देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राजस्थान पुलिस देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस बने। हमारा भी स्वप्न है। इच्छा शक्ति और जज्बे है तो स्वप्न जरूर सच होगा।
यूजर को होना होगा जागरूक

बढ़ते साइबर क्राइम पर डीजीपी गर्ग ने कहा कि साइबर क्राइम बढऩे का मुख्य कारण यूजर में जागरूकता की कमी है। जागरूकता ही पुलिस का प्रमुख हथियार है।
अजमेर रेंज की ली क्राइम मिटिंग
डीजीपी गर्ग ने सम्पर्क सभा के बाद अजमेर रेंज के पुलिस अधिकारियों पुलिस लाइन सभागार में क्राइम मिटिंग लेते हुए अपराध की समीक्षा की। क्राइम मिटिंग में पुलिस महानिरीक्षक (अजमेर रेंज) संजीवकुमार नार्जरी, एसपी कुंवर राष्ट्रदीप, एसपी टोंक चूनाराम जाट, एसपी भीलवाड़ा योगेश यादव व एसपी नागौर गगनदीप सिंगला समेत आलाधिकारी मौजूद थे।
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