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अब शिक्षकों को झौंका घर-घर राशन बंटवाने में

locationअजमेरPublished: Oct 01, 2020 12:20:59 am

Submitted by:

baljeet singh

आरटीई में जारी आदेशों को ठेंगा : करवाए जा रहे गैर-शैक्षणिक कार्य
 

अब शिक्षकों को झौंका घर-घर राशन बंटवाने में

अब शिक्षकों को झौंका घर-घर राशन बंटवाने में

अजमेर. राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य करवाना सरकारों की नियति में शामिल हो गया है। ऐसे में शिक्षकों को मशीन के रूप में काम लिया जाने लगा है। कोई भी विभाग हो शिक्षक लिपिकीय कार्य करने को मजबूर हैं। प्रदेश के शिक्षकों की बात करें तो ऐसा कोई महकमा नहीं होगा जहां पर शिक्षक गैर शैक्षिक कार्य कर रहे होंगे। यही नहीं सरकारी स्कूलों में शिक्षकों से वेतन भत्तों के बिल, ट्रेजरी से संबंधित कार्य, शाला दर्पण पोर्टल संबंधित लिपिकीय कार्य करवाने में भी गुरेज नहीं किया जाता है। जबकि शिक्षकों के मूल कार्य के अलावा राष्ट्रीय हित के जिन कार्यों को उनसे करवाया जा सकता है, उनकी परिभाषा भी स्पष्ट है। इसके लिए बाकायदा नि:शुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम बना हुआ है। बावजूद बीते एक दशक से लगातार शिक्षकों की गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाई जा रही है। निदेशालय द्वारा हर साल कम से कम दो बार उसी अधिनियम का हवाला देकर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाने के आदेश जारी किए जाते हैं। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात साबित हो रहा है।
गैर शैक्षणिक कार्य

कोरोना, बीएलओ कार्य, कार्यालय में कम्प्यूटर कार्य, आयकर फार्म 16 व सरल फार्म ऑनलाइन भरने, एसीपी व चयनित वेतनमान एरियर की कम्प्यूटर शीट निकालने, बाढ़, टिड्डी दल निगरानी नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी, शैक्षिक प्रकोष्ठ संबंधित कार्यालय कार्य। इसके अलावा पशुगणना, शौचालय गणना, मोर गिनना, टीका, दवाई सब यह मुख्य कार्य प्रमुख गैर शैक्षणिक कार्य के रूप में शिक्षकों को नियोजित किया जा रहा है।
सरकार व निदेशालय ने कब-कब जारी किए आदेश

निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर की ओर से 18 अक्टूबर 2011, 31 मई 2012, 14 जून 2012, 21 जून 2012, 17 जून 2016, 01 जुलाई 2016, 27 जुलाई 2016, 01 अगस्त 2016, 17 अगस्त 2016 के आदेश जारी हुए। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार की ओर से 20 अप्रेल 12, 09 मई 12, 07 जुलाई 2015, 17 फरवरी 2016, 11 मार्च 2016, 12 मई 16, 07 जुलाई 16, 27 जुलाई 2016, 29 जुलाई 2016 एवं इसके अतिरिक्त 06 जून 2020 को मुख्य सचिव राजस्थान सरकार के द्वारा एवं समय-समय पर निदेशालय माध्यमिक शिक्षा कार्यालय बीकानेर से शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाने के आदेश जारी हुए हंै।
गैर शैक्षणिक नहीं करवाने के जारी किए थे आदेश

शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करवाने के लिए 2011 से जून 2020 तक अलग-अलग समय में आदेश जारी होते आए हैं। अधिनियम का हवाला भी दिया होता है। लेकिन इसकी क्रियान्विति नहीं हो पा रही है। 6 जून 2020 को राजस्थान सरकार के मुख्य शासन सचिव ने एक आदेश जारी कर शिक्षकों को कोविड 19 के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य में नहीं लगाने के लिए शिक्षा विभाग के पूर्व नियमों 1996-1998 एवं नि:शुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के अनुसार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाने के प्रावधान का हवाला देकर समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देश प्रदान किए हैं।
क्या कहता है अधिनियम

आरटीई 2009 की धारा 27 के अनुसार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जा सकता। किसी भी शिक्षक को दस वर्षीय जनगणना, विभीषिका राहत कार्यों तथा स्थानीय प्राधिकारी या राज्य मंडलों, विधानसभा व संसद के निर्वाचन संबंधित कार्यों के अतिरिक्त अन्य किसी भी गैर शैक्षिक प्रयोजन के लिए शिक्षकों को नहीं लगाया जा सकता है।
अब निकाला नया आदेश

28 सितंबर के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के आदेशानुसार शिक्षकों को राशनकार्ड बनाना, उचित मूल्य की दुकानों पर बैठकर राशन वितरण में सहयोग, घर-घर जाकर आधार सीडिंग का कार्य भी दे दिया गया है।
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