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अब 5वीं कक्षा में बनेगा मूल निवास प्रमाण-पत्र, स्कूल में ही होगी पूरी प्रक्रिया

locationअजमेरPublished: Oct 05, 2022 12:37:08 am

Submitted by:

Dilip

 
– बच्चों और परिजन को ई-मित्रों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति – जिलेभर में स्कूलों के करीब लाखों बच्चों को मिलेगा फायदा
विद्यार्थियों व अभिभावकों की परेशानी को समझते हुए शिक्षा विभाग ने एक बेहतरीन कदम उठाया है। अब विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण पत्र की सारी प्रक्रिया स्कूलों में ही होगी। पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों के मूल निवास बनाने के आवेदन ई-मित्र केंद्रों से नहीं उनके विद्यालयों से भरे जाएंगे।

Uniform could not be distributed, children reaching school on colorful clothes

Uniform could not be distributed, children reaching school on colorful clothes

धौलपुर. विद्यार्थियों व अभिभावकों की परेशानी को समझते हुए शिक्षा विभाग ने एक बेहतरीन कदम उठाया है। अब विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण पत्र की सारी प्रक्रिया स्कूलों में ही होगी। पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों के मूल निवास बनाने के आवेदन ई-मित्र केंद्रों से नहीं उनके विद्यालयों से भरे जाएंगे। सक्षम अधिकारी की ओर से जारी होने के बाद मूल निवास प्रमाण पत्र स्कूल से ही वितरित किए जाएंगे। गृह विभाग ने इसकी एडवाइजरी जारी करते हुए आवेदन की प्रक्रिया तथा दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। गृह विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 5 से 8वीं तक के विद्यार्थियों के मूल निवास प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए निर्धारित आवेदन स्कूल के संस्था प्रधान वर्ष में एक बार सितंबर-अक्टूबर में भराएंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
जिम्मेदारी होगी तय

गृह विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में आवेदन में चाही गई सत्य जानकारी भरने की जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी। ताकि भविष्य में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति आदि के लिए परेशानी नहीं हो। संस्था प्रधान सभी दस्तावेज को सरकार की ओर से अधिकृत उपखंड अधिकारी के परिक्षेत्र में स्थापित ई मित्र, सीएससी केंद्र के माध्यम से सक्षम अधिकारी को अग्रिम कार्रवाई के लिए भिजवाने की व्यवस्था करेंगे।
कम होंगे बच्चों और अभिभावकों के चक्कर

अभी किसी भी विद्यार्थी को मूल-निवास व जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहले पटवारी, सरपंच व दो राजपत्रित अधिकारियों के हस्ताक्षर कराने होते हैं। सभी के हस्ताक्षर होने के बाद विद्यार्थी की ओर से ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन को अपलोड करवाना होता है। उसके बाद संबंधित तहसीलदार के पास आवेदन जाता है। वहां से सत्यापित होने के बाद संबंधित उपखंड अधिकारी के पास जाता है। वहां से सारा प्रोसेस होने के बाद उपखंड अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर होने के बाद फिर से प्रमाण-पत्र ई-मित्र पर आता है। ऐसे में विद्यार्थी को कई बार अधिकारियों व सरकारी कर्मचारियों के पास जाना पड़ता है। ऐसे में कई दिनों तक इंतजार भी करना पड़ता है। प्रमाण पत्र बनाने पर खर्चा भी बहुत ज्यादा होता है। अब स्कूलों में प्रोसेस होने से बच्चों और अभिभावकों की मेहनत कम लगेगी, साथ ही खर्चा भी आधा हो जाएगा।
बच्चों के साथ स्कूलों को भी होगा फायदा

सक्षम अधिकारी नियमानुसार जांच करने के बाद अगले 30 से 60 दिनों में प्रमाण पत्र जारी करेंगे। अगर आवेदन किसी कारण से निरस्त किया जाता है तो इसकी कारण सहित सूचना संस्था प्रधान को दी जाएगी। वहीं, विद्यार्थी के नियमित रूप से स्कूल आने से प्रमाण पत्र में आने वाली कमी समय से पूरी हो सकेगी। इससे प्रमाण पत्र बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। मूल निवास प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उसकी एक कॉपी स्कूल में विद्यार्थियों को लाभ, रियायत, सुविधाएं दिलाने के लिए रखेंगे।
पांचवीं अथवा आठवीं में होगा जारी

गृह विभाग ग्रुप 9 के संयुक्त शासन सचिव की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार मूल निवास प्रमाण पत्र यथा संभव कक्षा 5 में अध्ययनरत विद्यार्थी को जारी किया जाएगा। अपरिहार्य कारणों से किसी विद्यार्थी का कक्षा 5 में मूल निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाता है तो ऐसे विद्यार्थियों का मूल निवास प्रमाण पत्र कक्षा 8 में भी जारी किया जा सकता है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने भी गृह विभाग के इन आदेशों की पालना के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
विरोध में शिक्षक संगठन

उधर, जिले के कई शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार की ओर से मूल निवास प्रमाण पत्रों की जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर थोपने की कोशिश की जा रही है। इसकी जगह सरकार को हर स्कूल में पीईईओ स्तर पर एक व्यक्ति की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि वो मिड-डे-मील व मूल निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य सूचनाएं व अन्य काम समय पर कर सकेगा। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं होगी।
बड़ी संख्या में बच्चों को मिलेगा फायदा

जिले में सरकारी व निजी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक करीब 900 से अधिक स्कूल हैं। जिलेभर में पांचवीं और आठवी के बच्चों की अनुमानित संख्या पचास हजार के करीब है। मूल निवास प्रमाण-पत्र की जरूरत हर बच्चों को होती है। दूर-दराज से आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को तहसील व उपखंड मुख्यालय पर आकर ई-मित्र के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे अब निजात मिल सकेगी।
जिले में सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय

ब्लॉक विद्यालय
धौलपुर 176

बाड़ी 153
बसेड़ी 230

राजाखेड़ा 175
सैंपऊ 113

कुल 847

इनका कहना है

इसको लेकर विभागीय निर्देश मिले हैं। सरकार के आदेशों की पालना कराई जाएगी।
– केदार गिरि गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक धौलपुर

राज्य सरकार के आदेश की पालना की जाएगी। विभाग की ओर से भी आदेश आ गए हैं। संस्था प्रधानों को इसके लिए पाबंद किया गया है। इससे उन्हें भी सरकार की योजना में मूल निवास प्रमाण पत्र की जरूरत होने पर तुरंत मिल सकेगा।
– मुकेश कुमार शर्मा, सीडीईओ, धौलपुर

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