scriptनिवेशकों की उम्मीदों पर फिरा पानी, कैसे ? पढ़ें पूरी खबर | Now worried about the future, BC fraud | Patrika News

निवेशकों की उम्मीदों पर फिरा पानी, कैसे ? पढ़ें पूरी खबर

locationअजमेरPublished: Apr 20, 2019 12:47:51 am

Submitted by:

manish Singh

बीसी संचालक के रातों-रात करोड़ों रुपए लेकर फरार होने के मामले में निवेशक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

Now worried about the future, BC fraud

….अब भविष्य को लेकर चिंतित

अजमेर. बीसी संचालक के रातों-रात करोड़ों रुपए लेकर फरार होने के मामले में निवेशक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उनका तर्क है कि प्रमोद गुप्ता की सम्पत्ति पर बैंक का बकाया है। ऐसे में पुलिस अगर गुप्ता को पकड़कर भी ले आए तो इतनी मोटी रकम की वसूली कहां से होती है।
नगरा क्षेत्र में गत दिनों फर्जी तरीके से बीसी चला रहे प्रमोद गुप्ता और उसका परिवार गत १५ अप्रेल की रात को परिवार के साथ फरार हो गया। गुप्ता परिवार के फरार होने पर सामने आए निवेशकों ने अलवर गेट थाने में मामला दर्ज कराया। इसके बाद रोजाना पुलिस के समक्ष दर्जनों निवेशक अपने दस्तावेज लेकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में अलवर गेट थाना पुलिस के पास भी लगातार निवेशकों का पहुंचने का सिलसिला जारी है। पुलिस भी इन निवेशकों के दस्तावेज और अर्जी लेकर फाइल में जोडऩे का काम कर रही है।
40-60 करोड़ की देनदारी

जानकारों के मुताबिक नगरा, बिहारीगंज, आदर्शनगर, रामगंज क्षेत्र के अलावा आस-पास के कस्बों के लोग भी गुप्ता की बीसी व सोसायटी में पैसा लगाते थे। ऐसे में निवेशक की संख्या एक हजार के आस-पास मानी जा रही है। जबकि गुप्ता पर करीब ४० से ६० करोड़ों रुपए की देनदारी बकाया होना माना जा रहा है। हालांकि निवेशकों की डायरी और दस्तावेज में तो अब तक यही सामने आया है।
दुकान-मकान पर बैंक का दावा
प्रमोद गुप्ता की बालुपुरा रोड पर गुप्ता बैंगल्स स्टोर है। गुप्ता ने स्टोर के नाम से भी कचहरी रोड स्थित आदर्श कॉपरेटिव बैंक लि. से ऋण ले रखा है। ऋण के बदले उसने दुकान व मकान को रहन पर रखा है। आदर्श कॉपरेटिव बैंक लि. ने दुकान व मकान पर नोटिस चस्पा करके रहन पर रखी गई सम्पति पर दावा पेश किया है। ऐसे में क्षेत्रवासियों को गुप्ता के पुलिस की गिरफ्त में आने पर रकम वसूली के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
इनका कहना है…

दो लाख की एफडी और 80 हजार रुपए पासबुक बना रखी थी। जो पांच साल से चल रही थी। अब जब रकम देने का वक्त आया तो गुप्ता अपने परिवार के साथ फरार हो गया।
हरीश कुमार, जनरल स्टोर संचालक
आठ साल से गुप्ता के यहां सोसायटी भर रहे थे। मुनाफे की चाह में ३ सोसायटी चला ली। थोड़ा-थोड़ा कर एक लाख 20 हजार रुपए की पूंजी जुड़ी थी।

चन्द्रभान, निवेशक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो