मिट्टी उठाने के विवाद को लेकर बारह साल पहले की थी नरेगा मेट के चाचा की हत्या, 6 को आजीवन कारावास
- राजाखेड़ा क्षेत्र के समौना गांव का था मामला - एडीजे कोर्ट ने सुनाया फैसला
हत्या के एक 12 साल पुराने मामले में एडीजे कोर्ट ने सजा सुनाते हुए आधा दर्जन लोगों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, मामले में अवैध हथियार लेकर मौके पर पहुंचने के एक आरोपित को 3/25 के तहत दोषी मानते हुए 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
अजमेर
Published: March 31, 2022 01:41:34 am
धौलपुर. हत्या के एक 12 साल पुराने मामले में एडीजे कोर्ट ने सजा सुनाते हुए आधा दर्जन लोगों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, मामले में अवैध हथियार लेकर मौके पर पहुंचने के एक आरोपित को 3/25 के तहत दोषी मानते हुए 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। अपर लोक अभियोजक के.के. शर्मा ने बताया कि 20 जुलाई 2010 में नरेगा मेट प्रमोद के पिता सिकंदरपुर निवासी रामदत्त ने राजाखेड़ा थाने में मामला दर्ज कराया था। मामले में बताया गया कि उसके बेटे प्रमोद से समौना गांव के कुछ लोगों ने नरेगा कार्य के दौरान उनके खेत से मिट्टी नहीं लेने के लिए कहा। जिस पर उनके बेटे नरेगा मेट प्रमोद ने नरेगा मजदूरों से मिट्टी नहीं उठाने के निर्देश दिए। जिसके बाद आरोपी पक्ष ने नरेगा मेट पर हमला कर दिया। हमले को देखकर नरेगा मेट के चाचा रामलाल (40) के साथ परिवार के लोग उसे बचाने पहुंचे। जिस पर आरोपी पक्ष ने फायरिंग कर दी। जिसमें गोली लगने से रामलाल की मौत हो गई। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की। जिस पर अपर सेशन न्यायाधीश अनिल कुमार शर्मा ने 12 साल बाद फैसला सुनाते हुए 6 लोग सप्ताह प्रसाद पुत्र कालीचरन, रतन सिंह पुत्र जगन्नाथ, संत कुमार पुत्र छीतर प्रसाद, संतोष पुत्र रतन सिंह, रामप्रसाद पुत्र रेवती प्रसाद और रामनरेश पुत्र सप्ताह प्रसाद को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपियों को 20-20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अपर लोक अभियोजक शर्मा ने बताया कि हमले में हथियार सहित पकड़े गए श्रीचंद्र पुत्र जगन्नाथ को आम्र्स एक्ट में दोषी मानते हुए न्यायालय ने 3 वर्ष के कारावास के साथ 3000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। उन्होंने बताया कि मामले में साक्ष्यों के अभाव में 9 आरोपियों को बरी किया गया है। जबकि एक के खिलाफ बाल न्यायालय में मामला पेंडिंग है। उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान एक आरोपी कैलाशी की मृत्यु हो चुकी थी।

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