अजमेर

सर्राफ का विरोध पड़ा स्टाफ पर भारी, सरकार ने कुछ यूं लिया इनसे बदला

चिकित्सा मंत्री व उच्चाधिकारियों के इशारे पर ही उन्हें जेएलएनएच से हटाया गया है।

अजमेरDec 08, 2017 / 08:44 am

Prakash Chand Joshi

nursing staff tranfer form jln hospital

अजमेर।
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व संबद्ध अस्पताल में कार्यरत राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष सहित चार नर्सिंगकर्मियों को राज्य सरकार व चिकित्सा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करना भारी पड़ गया।

चारों को जेएलएन अस्पताल से सैटेलाइट अस्पताल आदर्शनगर में उपस्थिति देने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि आदेश में व्यवस्था के लिए इन्हें वहां लगाए जाने का जिक्र किया गया है। मगर बताया जा रहा है कि चिकित्सा मंत्री व उच्चाधिकारियों के इशारे पर ही उन्हें जेएलएनएच से हटाया गया है।
उधर, एसोसिएशन पदाधिकारियों व नर्सिंगकर्मियों ने कॉलेज प्रिंसीपल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर आदेश निरस्त करने की मांग की। अस्पताल में कार्यरत एवं एसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व नर्स ग्रेड खुशीराम मीना, सोहनलाल बैरवा, गंगाशरण जाटव, आत्माराम मीणा को सैटेलाइट अस्पताल में उपस्थिति देने के लिए निर्देश दिए हैं।
नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस आदेश से खफा होकर मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ. गोखरू के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने आदेश निरस्त करने की मांग की। नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कॉलेज व अस्पताल प्रशासन पर द्वेषतापूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया है।
ड्यूटी के दौरान प्रदर्शन :
अस्पताल में ड्यूटी पर कार्यरत कई नर्सिंगकर्मियों ने भी एसोसिएशन की मांग पर मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन में भाग लिया, जबकि कइयों की वार्ड में ड्यूटी थी।

पहले डॉक्टर्स को दिया झटका
सरकार ने नवम्बर में हड़ताल पर रहे डॉक्टर्स को भी पिछले दिनों झटका दिया है। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ के आदेश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल की अगुगवाई करने वाले डॉक्टर्स के ट्रांसफर कर दिए हैं। खासतौर पर डॉक्टर्स की एसोसिएशन के चुनिंदा नेताओं के दूरस्थ इलाकों में ट्रांसफर हुए हैं।
इसके चलते पूरे प्रदेश के डॉक्टर्स में जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने सरकार पर बदले की भावना से कामकाज करने का कथित आरोप भी लगाया है। बीते तीन-चार दिन से सेवारत डॉक्टर्स अस्पतालों के बाहर टैंट लगाकर मरीजों का ईलाज कर रहे हैं। यह फैसला सरकार की कार्रवाई की विरोध में लिया गया है।
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