देश के सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी जुलाई में ‘ ऑनलाइन पढ़ेंगे। केंद्र सरकार के 31 जुलाई तक शैक्षिक संस्थान बंद रखने के फैसले से ऑफलाइन क्लास लगनी मुश्किल है। कोरोना संक्रमण के कारण देश के कई राज्यों में हालात ठीक नहीं हैं। केंद्र सरकार ने 31 जुलाई तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद रखने का फैसला यिा है। ऐसे में सत्र 2020-21 की शुरुआत अगस्त या सितंबर में होती दिख रही है। सबसे ज्यादा दिक्कतें नए प्रवेश और कक्षाओं के संचालन की हैं।
ऑनलाइन क्लास पर रहेगा जोर देश के सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की ऑफलाइन क्लास मुश्किल हैं। विद्यार्थी बीते मार्च से ही संस्थानों और कक्षाओं से दूर हैं। सभी संस्थानों में अप्रेल से ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। प्री. प्राइमरी से बारहवीं और स्नातक-स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है।
…तो अटेंडेंस भी ऑनलाइन ऑफलाइन कक्षाओं में विद्यार्थियों की अटेंडेंस कक्षाओं में होती हैं। कुछ स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को कार्ड से अटेंडेंस दर्ज करानी होती है। शैक्षिक संस्थानों के जुलाई में बंद को देखते हुए विद्यार्थियों की अटेंडेंस लेना चुनौती होगी। ऐसे में शिक्षण संस्थानों का जोर ऑनलाइन अटेंडेंस पर रहेगा। उधर हाईकोर्ट ने जताई आपत्तिशांतनु शर्मा और अन्य की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑनलाइन कक्षाओं पर आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग से जवाब भी मांगा है।
लाखों विद्यार्थियों ने किए हैं आवेदन नीट, जेईई मेन द्वितीय चरण, क्लैट, जेईई एडवांस, होटल मैनेजमेंट टेस्ट के लिए लाखों विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं। विद्यार्थी बी.टेक, बी.आर्किटेक्ट, बी. प्लानिंग, एमबीबीएस, बीडीएस, फाइव ईयर इंटीग्रेटेड लॉ सहित यूजी-पीजी के पासकोर्स और अन्य कोर्स में प्रवेश लेंगे।
देश में ये हैं प्रमुख कोर्स की सीट इंजीनियरिंग-27 लाख (आईआईटी, एनआईटी, राज्यों के इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कॉलेज) मेडिकल-1.5 लाख, डेंटल-1 लाखमैनेजमेंट-92, 928 (आईआईएम और राज्यों के मैनेजमेंट कॉलेज) लॉ-5 लाख 20 हजार (एनएलयू, केंद्रीय/राज्य स्तरीय विवि और कॉलेज)
स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत विद्यार्थी-25.5 करोड़ नियमित विद्याथी (5.5 करोड़ से ज्यादा प्राइवेट विद्यार्थी भी अध्ययनरत) दिखेंगे ये बदलाव संस्थानों को बनाने होंगे अधिकाधिक ई-कंटेंट -अगस्त में संस्थान खुले तो बढ़ाने पडेंगे नए सेक्शन
-छात्र-छात्राओं को लम्बे समय तक पढ़ाना पड़ेगा ऑनलाइन -ई-लेक्चर, वीडियो, ई-कंटेंट पर देना पड़ेगा ध्यान -संस्थानों को बांटा जा सकता है सुबह-शाम की शिफ्ट में -शिक्षक मोबाइल या ई-मेल पर दे सकते हैं ऑनलाइन प्रोजेक्ट
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