शिक्षा के साथ संस्कारों का होना जरूरी मंडल की पूर्व अध्यक्ष विरमादेवी गोयल कहती हैं कि जब तक हम अपने बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कार नहीं देंगे, तब तक वे अपने पूजनीयों का सम्मान नहीं कर पाएंगे। आज के वातावरण में संस्कारों की महती आवश्यकता है। हर घर परिवार में संध्या उपासना आवश्यक है। यज्ञ हमारी हजारों वर्ष पुरानी परंपरा है। आज भी शादी विवाह जैसे मांगलिक अवसर पर यज्ञ विद्वान कराते हैं।
इनका कहना है
महिलाओं में यज्ञ और हवन के लिए चेतना आ रही है। हम अथक प्रयास कर रहे हैं कि मंडल में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी हो।विमला मित्तल, अध्यक्ष, महिला मंडल आर्य समाज। शहर के आर्य समाज के सक्रिय योगदान से ही आर्य समाज की ओर से वार्षिकोत्सव व अन्य आयोजनों का अनवरत सिलसिला जारी है।दानसिंह प्रजापति, प्रमुख वैदिक प्रवक्ता
शहर के आर्य समाज मंदिर में नित्य सायंकाल यज्ञ और हवन दशकों से जारी है। वहां रविवार क़ो प्रातकालीन यज्ञ हवन और प्रवचन में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेना चाहिए।सुमन मंगल, महामंत्री, आर्य समाज।
हर प्राणी का यह कर्तव्य है कि वह वेद पढ़़े, क्योंकि वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तक है। जिसका पढऩा और पढ़ाना हम सभी आर्यों का धर्म है। उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया है कि वे अपने परिवार में होने वाले मांगलिक अवसर पर यज्ञ, हवन, भजन और प्रवचन अवश्य कराएं। कुसुम मित्तल, पूर्व अध्यक्ष, आर्य समाज।
आर्य समाज महिला मंडल की ओर से महिलाओं को संगठित करने के लिए मुहिम में पुरुषों को भी अपना तन, मन, धन समर्पित करना चाहिए।ऊषा मित्तल, पूर्व अध्यक्ष, आर्य समाज।
जीवन के सोलह संस्कारों में पाणिग्रहण संस्कार, गर्भाधान संस्कार आदि आर्य समाज के बताए नियमों से कराए जाएं, तो आजन्म सुख और शांति रहती है।शशि गर्ग, वरिष्ठ सदस्य, आर्य समाज।