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विशेष अवसरों पर घर-घर जाकर हवन करती हैं आर्य समाज की महिलाएं

locationअजमेरPublished: May 18, 2022 01:14:57 am

Submitted by:

Dilip

स्थानीय आर्य समाज की महिलाएं विशेष अवसरों पर घर-घर पहुंचकर हवन-यज्ञ करती हैं। इस दौरान महिलाओं का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्रजी ने अपने गुरुओं के आदेश को शिरोधार्य कर पिता की आज्ञा पालन के लिए चौदह वर्ष जंगल में रहकर वनवास काटा था।

विशेष अवसरों पर घर-घर जाकर हवन करती हैं आर्य समाज की महिलाएं

विशेष अवसरों पर घर-घर जाकर हवन करती हैं आर्य समाज की महिलाएं

बाड़ी. स्थानीय आर्य समाज की महिलाएं विशेष अवसरों पर घर-घर पहुंचकर हवन-यज्ञ करती हैं। इस दौरान महिलाओं का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्रजी ने अपने गुरुओं के आदेश को शिरोधार्य कर पिता की आज्ञा पालन के लिए चौदह वर्ष जंगल में रहकर वनवास काटा था। यह सब आने वाली अनेक पीढि़य़ां याद रखेंगी। यह सब यज्ञ और हवन का ही प्रताप था, जिसे आज की पीढ़ी भूलती जा रही है। आज महती आवश्यकता है कि हमें अपनी संतान को सोलह संस्कारों से अवगत कराना चाहिए। इसकी पहल की है शहर के आर्य समाज महिला मंडल ने। देश में ही नहीं विदेशों में भी आर्य समाज के संस्थापक दयानंद सरस्वती ने अनगनित कष्ट सहकर आर्य समाज की ध्वजा पताका फहराई थी। थोड़े से ही समय में महिला मंडल ने महिलाओं को एक सूत्र में पिरोकर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। समाज से जुड़ी महिलाएं शादी की वर्षगांठ, जन्मोत्सव, सालगिरह व अन्य मांगलिक आयोजन पर शहर में घर-घर जाकर यज्ञ और हवन करती हंै।
शिक्षा के साथ संस्कारों का होना जरूरी

मंडल की पूर्व अध्यक्ष विरमादेवी गोयल कहती हैं कि जब तक हम अपने बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कार नहीं देंगे, तब तक वे अपने पूजनीयों का सम्मान नहीं कर पाएंगे। आज के वातावरण में संस्कारों की महती आवश्यकता है। हर घर परिवार में संध्या उपासना आवश्यक है। यज्ञ हमारी हजारों वर्ष पुरानी परंपरा है। आज भी शादी विवाह जैसे मांगलिक अवसर पर यज्ञ विद्वान कराते हैं।
इनका कहना है
महिलाओं में यज्ञ और हवन के लिए चेतना आ रही है। हम अथक प्रयास कर रहे हैं कि मंडल में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी हो।विमला मित्तल, अध्यक्ष, महिला मंडल आर्य समाज।

शहर के आर्य समाज के सक्रिय योगदान से ही आर्य समाज की ओर से वार्षिकोत्सव व अन्य आयोजनों का अनवरत सिलसिला जारी है।दानसिंह प्रजापति, प्रमुख वैदिक प्रवक्ता
शहर के आर्य समाज मंदिर में नित्य सायंकाल यज्ञ और हवन दशकों से जारी है। वहां रविवार क़ो प्रातकालीन यज्ञ हवन और प्रवचन में अधिक से अधिक लोगों को भाग लेना चाहिए।सुमन मंगल, महामंत्री, आर्य समाज।
हर प्राणी का यह कर्तव्य है कि वह वेद पढ़़े, क्योंकि वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तक है। जिसका पढऩा और पढ़ाना हम सभी आर्यों का धर्म है। उन्होंने महिलाओं का आह्वान किया है कि वे अपने परिवार में होने वाले मांगलिक अवसर पर यज्ञ, हवन, भजन और प्रवचन अवश्य कराएं। कुसुम मित्तल, पूर्व अध्यक्ष, आर्य समाज।
आर्य समाज महिला मंडल की ओर से महिलाओं को संगठित करने के लिए मुहिम में पुरुषों को भी अपना तन, मन, धन समर्पित करना चाहिए।ऊषा मित्तल, पूर्व अध्यक्ष, आर्य समाज।
जीवन के सोलह संस्कारों में पाणिग्रहण संस्कार, गर्भाधान संस्कार आदि आर्य समाज के बताए नियमों से कराए जाएं, तो आजन्म सुख और शांति रहती है।शशि गर्ग, वरिष्ठ सदस्य, आर्य समाज।

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