जायरीन को बाहर रोकना नहीं संभव अंजुमन सदर मोइन हुसैन चिश्ती ने कहा कि खादिमों के दो हजार परिवार हैं। जो पिछले ढाई महीने से घर में ही हैं। इसके अलावा करीब 5 हजार लोग ऐसे हैं जिनकी रोजी-रोटी दरगाह से ही चलती है। ऐसे में दरगाह को खोला जाए तो पूरी तरीके से ही खोला जाए। अन्यथा हालात सामान्य होने तक जैसा चल रहा है, वैसा ही चलने दें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि खादिम हो या जायरीन, सभी से सोशल डिस्टेंस आदि सभी नियमों की पूरी तरह से पालना करवाई जाएगी। यहां तक जायरीन जहां ठहरते हैं, वहां भी सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा जाएगा। मोइन हुसैन का यह भी कहना है कि दरगाह में लाखों जायरीन आते हैं, ऐसे में यह संभव नहीं हो सकता है कि 5-5 या 10-10 जायरीन को ही आस्ताना में प्रवेश दिया जाए।
मुख्यमंत्री की वीसी में केवल दरगाह दीवान के बेटे नसीरूद्दीन चिश्ती को ही बोलने का मौका दिए जाने का मुद्दा मंगलवार की बैठक में भी उठा। अंजुमन सदर मोइन हुसैन ने जिला कलक्टर विश्वमोहन शर्मा व पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप से कहा कि दरगाह के मामले में फैसला करने का हक केवल खादिमों को है। उन्होंने कहा कि दरगाह दीवान के बेटे ने वीसी में हुई बातचीत को गलत तरीके से प्रचारित किया है। मोइन हुसैन ने यहां तक कहा कि आज की बैठक में भी नसीरूद्दीन को बुलाना गलत है। इस पर एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने समझा कर मामला शांत किया। उधर नसीरूद्दीन का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं हुई। मोइन हुसैन ने सिर्फ अपनी बात को रखा है।