बी.टेक और एमटेक डिग्रीधारक युवाओं को मनमाफिक रोजगार नहीं मिल रहे। कैंपस प्लेसमेंट में दक्षता, और प्रशिक्षण की कमी उजागर होती हैं। लिहाजा तकनीकी शिक्षा विभाग ने इंजीनियरिंग कॉलेज में वोकेशनल कोर्स चलाने का फैसला किया है। राजस्थान आईएलडी कौशल विश्वविद्यालय ने वोकेशनल कोर्स तैयार किए हैं। इनमें ग्राफिक डिजाइन, ऑटोमेटिव रिपेयर, एसी रिपेयर मैनेजमेंट, हेल्थ केयर, फूड प्रिजर्वेशन और अन्य कोर्स शामिल हैं।
इंजीनियरिंग कॉलेज बड़ल्या ने तीन वोकेशनल कोर्स के लिए आवेदन किया है। एमबीए विभाग में बैंकिंग फाइनेंसिंग सर्विस एन्ड इंश्योरेंस, ट्रेवल एंड टूर तथा मैकेनिकल ब्रांच में ऑटोमोबाइल सर्विस कोर्स शामिल है। तकनीकी शिक्षा विभाग की मंजूरी के बाद सत्र 2020-21 से कोर्स शुरू होंगे। वोकेशनल कोर्स छह महीने से एक-दो साल की अवधि के होंगे।
राज्य में 15-20 वर्षों में कई सरकारी और निजी कॉलेज खुले हैं। मांग के अनुरूप नई ब्रांच और कोर्स और भी शुरू हुए हैं, फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह संख्या सीमित है। इनका कहना हैकॉलेज ने एमबीए और मैकेनिकल ब्रांच में वोकेशनल कोर्स के लिए आवेदन किया है।
डॉ. यू. एस. मोदानी, प्राचार्य बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज