अजमेर

Order: बोली यूजीसी, कॉलेज-यूनिवर्सिटी को करना होगा ये काम

आवेदकों को नहीं लौटाते कई संस्थान दस्तावेज। यूजीसी ने जारी किए निर्देश।

अजमेरAug 14, 2020 / 06:55 am

raktim tiwari

academic documents

रक्तिम तिवारी/अजमेर.
देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी अब शिक्षकों/आवेदकों के मूल प्रमाण पत्र ‘दबाकर Ó नहीं बैठ सकेंगे। इन संस्थानों को शिक्षकों/आवेदकों के नौकरी छोडऩे वक्त प्रमाण पत्र देने जरूरी होंगे। यूजीसी ने देश के सभी संस्थानों को इसके आदेश जारी किए हैं।
सरकारी और निजी कॉलेज-यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य, रीडर और प्रोफेसर पद के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। यह नियुक्तियां स्थाई अथवा कॉन्ट्रेक्ट आधार पर होती हैं। आवेदन अथवा साक्षात्कार के दौरान कॉलेज और यूनिवर्सिटी शिक्षकों/आवेदकों से मूल शैक्षिक अंकतालिका/ प्रमाण पत्र मांगते हैं।
वापस नहीं लौटाते दस्तावेज
शिक्षकों/आवेदकों के कॉलेज-यूनिवर्सिटी में चयन होने के बाद शैक्षिक दस्तावेज जमा कर लिए जाते हैं। शिक्षकों के किसी दूसरे संस्थानों में आवेदन, नौकरी छोडऩे अथवा अन्य किसी कारण बताने पर संस्थान मूल दस्तावेज नहीं लौटाते। संस्थान दस्तावेजों को लेकर आनाकानी करते हैं। इससे शिक्षकों को परेशानियां होती हैं।
लौटाने होंगे दस्तावेज
यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी संस्थानों को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि किसी शिक्षक/आवेदक के मूल शैक्षिक दस्तावेज अकारण रोकना अथवा नहीं लौटाना उसके मूल अधिकारों का हनन है। कॉलेज-यूनिवर्सिटी को शिक्षक या अभ्यर्थी के मांगने पर तत्काल दस्तावेज लौटाने होंगे। ऐसा नहीं करने पर यूजीसी कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।

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