अजमेर के बाल सम्प्रेषण गृह में विधि के विरुद्ध संघर्षित एवं देखभाल व संरक्षण वाले कई बच्चे रह रहे है। राजस्थान सरकार की बाल अधिकारिता विभाग की स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी समिति की ओर से प्रदेश में किशोर बालकों की देखरेख और संरक्षण के लिए किशोर गृह संचालित किए जाते है। इसमें विधि से संघर्षरत और देखभाल व संरक्षण वाले ६ से १८ वर्ष की आयु के लडक़ों को रखा जाता है। गत दिनों सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत कोटा, जोधपुर, राजसमंद, अजमेर, टोंक, सीकर, जयपुर और भरतपुर जिले में स्थापित राजकीय किशोर गृह को बंद को समाप्त करने के निर्देश जारी किए। इससे अजमजंस की स्थिति बनी हुई है।
Gandhi Jayanti : पटेल मैदान में एक हजार विद्यार्थी किया ‘मैं भी गांधी’ का प्रदर्शन इनका कहना है… हमारे हाथ में अभी तक ऑर्डर की कॉपी नहीं आई है। विधि के विरुद्ध संघर्षित और देखभाल व संरक्षण वाले बच्चों को अलग-अलग रखा जाना चाहिए। इसके लिए काफी समय से मांग भी चल रही है।
– डिम्पल शर्मा, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति
मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। डिपार्टमेंट ने आदेश निकाले होंगे। इसके बारे में मालूम करके ही कुछ बता पाऊंगी। – संगीता बेनीवाल, अध्यक्ष राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग