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व्यवसायिक नक्शा प्रकरण में महापौर के खिलाफ न्यायिक जांच केआदेश

locationअजमेरPublished: Nov 04, 2019 10:23:03 pm

Submitted by:

bhupendra singh

स्वायत्त शासन विभाग ने जारी किए आदेशचुनाव से पूर्व बढ़ी हलचल

व्यवसायिक नक्शा प्रकरण में महापौर के खिलाफ न्यायिक जांच केआदेश

ajmer

अजमेर.राज्य सरकार ने बहुचर्चित 13 व्यवसायिक नक्शा प्ररकण business map में नगर निगम mayor महापौर के खिलाफ judicial inquiry न्यायिक जांच के आदेश दे दिए है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव उज्जवल राठौड़ ने सोमवार को इस सम्बन्ध में आदेश जारी दिए। Orders आदेश में बताया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के अन्तर्गत विभागीय जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। इसके कारण अब महापौर धर्मेन्द्र गहलोत के विरूद्ध न्यायिक जांच किए जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि विधि कार्य विभाग के स्थाई आदेश 1 जुलाई 2002 के क्रम में प्रकरण की अधिसूचना 18 दिसम्बर 2000 में अंकित जांच कर भिजवााया जाए।
कमेटी मान चुकी दोषी

अप्रेल माह में राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी ने नक्शों को नियमों के विपरीत पास किया हुआ मानते हुए निगम की साधारण सभा द्वारा अनुमोदित/ स्वीकृत व्यावसायिक नक्शों को विधि विरुद्ध मानते हुए खारिज किए जाने की अनुशंषा की थी। कमेटी ने महापौर, उपायुक्त को साथ तत्कालीन सहायक व कनिष्ठ अभियंता को प्रथम दृष्टया दोषी बताया है। वहीं सम्भावित निलम्बन से बचाव के लिए महापौर धमेन्द्र गहलोत ने उच्च न्यायालय भी पहुंचे है।
एसीबी में चल रहा है मामला

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बहुचर्चित 13 व्यावसायिक नक्शा प्रकरण राजस्थान पत्रिका की खबरों के आधार पर मामला दर्ज है। नगर निगम द्वारा नियम विरुद्ध पास किए गए 13 हाईप्रोफाइल व्यावसायिक नक्शों के मामले की जांच अब भष्ट्रचार निरोधकर ब्यूरो (एसीबी) ने शुरु कर दी है।
जारी हो चुकी है चार्जशीट

अब तक इस मामले में अब तक एईएन दीपक कौशिक की प्रतिनियुक्ति निरस्त कर उन्हें निगम से हटा दिया गया जबकि जेईएन अंजुम अंसारी तथा रमेश चौधरी को एपीओ करते हुए निगम से हटाया गया था। उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता सहित सभी अभियंताओं को चार्जशीट जारी की जा चुकी है। जांच कमेटी ने माना कि नगर निगम ने नियम विरुद्ध नक्शे पास करने के लिए आंख बंद कर के कार्रवाई की है और जानते-बूझते नक्शे पास कर दिए। अनियमितता महापौर के प्रसंज्ञान में होने के बाद भी इन पत्रावलियों के विधिक/ तकनीकी परीक्षण का कोई सद्भावित प्रयास नहीं किया गया। बल्कि जांच कमेटी को समाप्त कर दिया गया। साधारणसभा में नक्शों को लेकर पार्षदों को तथ्यात्मक जानकारी नहीं दी गई। पूर्व में की गई कार्रवाई को उचित ठहराया गया।
इनके नक्शों को लेकर है विवाद आशा

देवी डिग्गी चौक , नारायण दास,विशनदास,गोपालदास, हीरानन्द लोहागल,उमराव कंवर आगरा गेट, अनूप कुवेरा, नीलत कुवेरा पुरानी मंडी,ललित गुप्ता,अनुसुईया गुप्ता, योगेश गुप्ता,माया गुप्ता,तरुण गुप्ता,रेखा गुप्ता, मनीष गुप्ता आशाख गुप्ता नई बस्ती रामगंज,रमेश हेमवानी ब्लू कैसल,मयंक खंडेलवाल,चारू खंडेलवाल केसरगंज, ईश्वरी देवी व अन्य केसरगंज,पूनम,मीना,ईश्वरी,नीता,नीलम केसरगंज,भगवान सिंह चौहान पुलिस लाइन,ओम प्रकाश माहेश्वरी रामगंज,नन्द लाल, रुकमणी,कमल, डॉ.सुंदर बालचंदानी दरगाह बाजार, सुनील सेठी महावीर सर्किल के नक्शों को लेकर विवाद है। नक्शे पास करने में फर्जीवाड़ा हुआ है। इसके लिए नियम कायदे ताक पर रख दिए गए। कई नक्शे से आवदेन से पहले ही पास हो गए। नक्शे पास करवाने में निगम कर्मियों तथा पार्षदों की भी भूमिका है।
इनका कहना है…

जांच का निर्णय लिया गया है। आदेश दिए गए है।

उज्जवल सिंह राठौड़,निदेशक एवं संयुक्त सचिव डीएलबी

किस तरह की जांच के आदेश जारी हुए हैं मुझे इसकी जानकारी नहीं है। इसे देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
धर्मेन्द्र गहलोत, महापौर नगर निगम
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