अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अजमेर चौकी) सतनाम सिंह ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय अजमेर के ओएस सहीराम मीणा को अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 15 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए हैं। सिंह ने बताया कि मीणा ने सहकर्मी का अजमेर मंडल कार्यालय में तबादला करवाने के नाम पर एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। आरोपी 40 हजार रुपए की रिश्वत पहले ले चुका था जबकि 60 हजार रुपए के लिए परिवादी को लगातार परेशान कर रहा था। सत्यापन की कार्रवाई में आरोपी सहीराम 60 हजार के बजाए 40 हजार रुपए में मान गया। परिवादी 23 नवम्बर की शाम को उसके कार्यालय में रिश्वत की राशि 40 हजार रुपए लेकर पहुंचा। जहां एसीबी की टीम ने सहीराम को रिश्वत राशि लेते रंगे हाथ पकड़ा।
घर पर मिले महज 4 हजार रुपये एसीबी की दूसरी टीम में शामिल निरीक्षक मीरा बेनीवाल ने ओएस सहीराम मीणा के फ्रेजर रोड स्थित रेलवे आवास की तलाशी ली। तलाशी में एसीबी को कई सरकारी दस्तावेज, बैंक खाते की पासबुक मिली। इसके अलावा आवास पर सिर्फ 4 हजार रुपए की नकदी मिली। जिसे एसीबी टीम ने रिकॉर्ड पर लेने के बाद परिजन को सुपुर्द कर दी।
‘यह तो यूनियनबाजी हैÓ
कोर्ट में पेशी के दौरान व पेशी के बाद भी ओएस मीणा के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। वह एसीबी की बैरक में निश्चिंत नजर आया। पूछे जाने पर उसने इसे यूनियनबाजी का हिस्सा है। उसका कहना था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
कोर्ट में पेशी के दौरान व पेशी के बाद भी ओएस मीणा के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। वह एसीबी की बैरक में निश्चिंत नजर आया। पूछे जाने पर उसने इसे यूनियनबाजी का हिस्सा है। उसका कहना था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।