सीडब्लूसी ने कराया था मुक्त अजमेर के बालिका सुधार गृह में मंगलवार को यूएसए निवासी दम्पती के साथ आध्या की दत्तक ग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई। आध्या को बचपन में अपनों से ही मिले जख्म भरने में ही तीन साल गुजर गए। सौतेली मां बच्ची को बेडिय़ों में बांधकर रखती थी। बाद में शिकायत पर सीडब्ल्यूसी की पहल पर नन्हीं आध्या को पहले शिशु गृह और फिर मेडिकल जांच के बाद उसे बालिका सुधार गृह में रखा गया।
निजी स्कूल में पढ़ाई
यहां उसे निजी स्कूल में दाखिला दिलाकर पढ़ाया गया। इसमें पारले ग्रुप के शारदा कुमार शर्मा ने भामाशाह के रूप में बच्ची की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। बच्ची को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कम्प्यूटर सेट भी उपलब्ध कराया गया। बालिका सुधार गृह की अधीक्षक अदिति माहेश्वरी, शिशुगृह प्रबंधक फराहना खान ने बालिका को दत्तक माता-पिता को सुपुर्द किया।
इन्होंने लिया गोद बच्ची आध्या को गोद लेने वाले दंपती यूएसए निवासी हैं। भारतीय मूल की मां ट्विंकल तेलाती यूएसए में स्पेशल एज्युकेटर और पिता उमंग तेलाती बिजनेसमैन हैं। हमारा-इनका नजरिया अलग
हमारे देश में नि:संतान दपंती नवजात बच्चे-बच्ची को गोद लेते हैं ताकि बच्चों को अपनी पूर्व जिन्दगी की जानकारी नहीं हो और असली माता-पिता ही उन्हें ही समझे। मगर विदेशों में कुछ अलग चलन है। वहां बड़े बच्चों को भी गोद लिया जाता है। दत्तक मां ट्विंकल बताती हैं कि वे गोद ले जाने के बाद अपने मित्रों-परिचितों को बताएंगी कि वे इसे कहां से गोद लेकर आई हैं।