अजमेर जिले के मसूदा, ब्यावर, श्रीनगर, भिनाय, पुष्कर, टॉडगढ़,सराधना व तिलोनिया सहित कई इलाकों में पैंथर penthers की सक्रियता सामने आई है। यह क्षेत्र अरावली पर्वत शृंखला से जुड़ा हुआ है। मसूदा व भिनाय में पिछले माह ग्रामीणों ने पैंथर penthers देखा।
अजमेर स्थित घूघरा घाटी में वन्य कर्मियों ने पैंथर penthers को पिंजरे में पकडकऱ जंगल में छोड़ा। 24 मार्च की रात हिंसक जानवर ने किशनगढ़ उपखंड के तिलानियां स्थित एक बाड़े में घुसकर बकरी का शिकार किया। ग्रामीणों ने पैंथर penthers होने का दावा किया है। इसे देखते हुए वन विभाग ने यहां पिंजरा लगाया है। निगरानी रखने के लिए टीमें तैनात कर दी है।
वन विभाग ने लगाया पिंजरा तिलोनियां सरपंच नंदलाल भादू ने बताया कि क्षेत्र में पैंथर penthers को घूमते हुए देखा जाता रहा है। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग की टीम तिलोनियां पहुंच पगमार्क के आधार पर खोज में जुट गई, लेकिन पैंथर penthers कहीं दिखाई नहीं दिया।
मंगलवार रात तिलोनिया निवासी गणेश सगडोलिया के बाड़े में हिंसक जानवर ने एक बकरी का शिकार किया। बुधवार दिन में भी हिंसक जानवर की तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। वन विभाग के अनुसार यह जानवर तिलोनिया स्थित पहाड़ी के ऊपर चला गया है जो शायद रात को ही शिकार के लिए नीचे आएगा। इसलिए इसे पकडऩे के लिए तिलोनिया में पिंजरा लगाया है।
खेत पर जाने में भय इन दिनों रबी फसल की कटाई का समय है। गेहूं, चना, सरसों व अन्य फसल पककर तैयार हो गई। इसके चलते किसान लावणी में जुटे हुए हैं,लेकिन पैंथर penthers से डरे हुए हैं।
महिलाएं फसल कटाई के लिए जाने से कतरा रही है। पुरुष शाम 5 बजते ही घर लौटने को मचबूर हैं। बाड़े में मवेशी बांधकर चौकसी की जा रही है। वन विभाग, किशनगढ़ के रेंजर अमरसिंह चौधरी के अनुसार पगमार्क के आधार पर पैंथर penthers के होने की आशंका है। इसके चलते ग्रामीणों से घरों में रहने के लिए कहा गया है। विभाग की ओर टीमें गठित कर पिंजरा लगाया गया है।