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शिकार : घात लगाकर आया पैंथर,बकरे को मुंह में दबोच जंगल ले भागा,बाद में पिंजरे में हुआ कैद

locationअजमेरPublished: Oct 23, 2020 01:14:46 am

Submitted by:

suresh bharti

भिनाय उपखंड में पैंथर फिर से सक्रिय, चश्मदीद किसान ने पैंथर को बाड़े में घुसते और बकरे का शिकार करते देखा,वनकर्मियों ने पैंथर के पगमार्क उठाए, संदिग्ध स्थानों पर लगाए पिंजरे

शिकार : घात लगाकर आया पैंथर,बकरे को मुंह में दबोच जंगल ले भागा

शिकार : घात लगाकर आया पैंथर,बकरे को मुंह में दबोच जंगल ले भागा

अजमेर/भिनाय. जिले के कई स्थानों पर हिसंक वन्यजीवों की सक्रियता के समाचार हैं। इनमें पैंथर की पुष्टि हो गई। रात के अंधेरे में पशु बाड़े में घुसकर पैंथर अब तक कई मवेशियों का शिकार कर चुका है। इस साल मसूदा क्षेत्र में आधा दर्जन किसानों पर पैंथर ने हमला भी किया।
खरवा व अजमेर की घूघरा घाटी में पैंथर को पकड़ कर जंगल में छोड़ा भी गया है। बुधवार रात एक पैंथर ने बिजयनगर रोड स्थित किरण ग्रेनाइट माइंस के सामने पप्पू माली के बाड़े से बकरे को शिकार बनाया।
प्रत्यक्षदर्शी एक किसान के अनुसार आधी रात बाद बाड़े में बकरे-बकरियों के मिमियाने की आवाज सुनकर मौके पर आया। तभी पैंथर एक बकरे की गर्दन को दबोच कर जाते दिखा। उसने शोर भी मचाया, लेकिन वह तेजी से जंगल की ओर भाग गया। गुरुवार रात वन विभाग की ओर से लगाए पिंजरे में पैंथर कैद हो गया।
कई जगह मिले पगमार्क

पैंथर बाडे़ में बंधे बकरे को लगभग 300 मीटर दूर घसीट कर खेतों में ले गया। गुरुवार सुबह बकरे का क्षत-विक्षित शव मिला। मौके पर कई जगह पगमार्क मिले हैं। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मुआयना कर पैंथर की सक्रियता से इनकार नहीं किया है। गुरुवार शाम वन विभाग की टीम ने आकर मुआयना किया और पैंथर पकडऩे के लिए पिंजरा लगा दिया।
आबादी की ओर रुख

पशुपालक पप्पू माली के पुत्र जीतू ने बताया कि उसने पैंथर को बकरे का शिकार करते देखा। रात को वह बाडे़ में बनी झोंपड़ी में सो रहा था। इसी दौरान मवेशियों की अजीब हरकतें देख उसने बाड़े की ओर नजर दौड़ाई तो पैंथर नजर आया जो बकरे को जबड़े में दबाकर जा रहा था। यह नजारा देख वह डर गया और झोंपड़ी में जा छिपा।
इस घटना के बाद क्षेत्र के पशुपालकों और किसानों में भय व्याप्त है। अजमेर जिले के ब्यावर, मसूदा, भिनाय, श्रीनगर, पुष्कर, खरवा, सावर व रूपनगढ़ क्षेत्र में हिंसक वन्यजीवों की सक्रियता बताई गई है। जो जंगल छोड़ शिकार व पेयजल के लिए आबादी की ओर रुख कर रहे हैं।

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