वन विभाग का मानना है कि पैंथर ने संभवत: अपने शिकार को झपटने के लिए छलांग लगाई और वह असंतुलित होकर खदान में जा गिरा। ऐसे में शिकार करते समय वह खुद ‘मौत का शिकार’ हो गया।
रावली अभ्यारण्य क्षेत्र से सटे एक गांव स्थित खान में पैंथर मृत अवस्था में मिला। खान में करीब 10 फीट तक पानी भरा था। इसी में डूबने से उसकी मौत हुई। वन विभाग के अधिकारियों ने भी ऐसा ही अंदेशा जताया है।
उनका मानना है कि शिकार करने के दौरान पैर फिसलने से पैंथर (मादा) गहरी खान में जा गिरा। पैंथर का शव करीब 5 दिन पुराना बताया जा रहा है। ग्रामीणों से इसकी सूचना मिलने पर सोमवार को वन विभाग की टीम क्षेत्रीय वन अधिकारी भैरूसिंह भाटी के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और पैंथर के शव को बाहर निकाला गया। पोस्टमार्टम मंगलवार को कराया जाएगा।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार राजसमंद और अजमेर जिले से सटे रावली अभ्यारण्य से पैंथर ग्राम पंचायत सुरडिय़ा के क्षेत्र में घुस आया। गांव में स्थित एक खान में सोमवार सुबह मृत पैंथर मिलने की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि पैंथर किसी जीव का शिकार कर रहा था और भागते-भागते पानी से भरी कुएंनुमा खान में जा गिरा। पानी से भरी खान काफी गहरी है। इसी कारण पैंथर वापस बाहर नहीं निकल सका और डूबने से उसकी मौत हो गई।
भाटी ने बताया कि पैंथर के शव को ब्यावर के देलवाड़ा रोड स्थित क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय में रखवाया गया है। चिकित्सकों की टीम मंगलवार को पोस्टमार्टम करेगी। इसके बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
लगातार मर रहे पैंथर क्षेत्र में लगातार पैंथर की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। बीते महीने में पैंथर की मौत की यह दूसरी घटना है। इससे पहले भी सरवीना गांव के पास एक पैंथर की मौत हो चुकी है। वन विभाग ने भी पैंथर की मौत को गंभीर माना है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है।