एक्सपर्ट व्यू… घनश्याम भगत, सिन्धी भजन गायक
पारब्रह्म देव की चमत्कारी छड़ी विभाजन के बाद सिंधी समाज जहां-जहां पूरे विश्वभर में बस गया वहां-वहां छड़ी साहब की स्थापना कर वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह में मनाया जाता है। पारब्रह्मदेव को मानने वाले सदाशिव का नारा लगाकर विश्व कल्याण की कामना करते हैं। भक्तजनों का मानना है कि जो भी पार ब्रह्मदेव की छड़ी के समक्ष मन्नत मांगी जाती है अवश्य पूर्ण होती है। भजन कीर्तन, जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, छड़ी की नगर परिक्रमा करा छड़ी को पुनः निर्धारित स्थान पर स्थापित किया जाता है। छड़ी परिक्रमा करवाकर नगर प्रेमियों को छड़ी साहब का दर्शन करवाया जाता है।
पारब्रह्म देव की चमत्कारी छड़ी विभाजन के बाद सिंधी समाज जहां-जहां पूरे विश्वभर में बस गया वहां-वहां छड़ी साहब की स्थापना कर वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह में मनाया जाता है। पारब्रह्मदेव को मानने वाले सदाशिव का नारा लगाकर विश्व कल्याण की कामना करते हैं। भक्तजनों का मानना है कि जो भी पार ब्रह्मदेव की छड़ी के समक्ष मन्नत मांगी जाती है अवश्य पूर्ण होती है। भजन कीर्तन, जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, छड़ी की नगर परिक्रमा करा छड़ी को पुनः निर्धारित स्थान पर स्थापित किया जाता है। छड़ी परिक्रमा करवाकर नगर प्रेमियों को छड़ी साहब का दर्शन करवाया जाता है।