जिले में प्रमुख रूप से केकड़ी, बिजयनगर, किशनगढ़, सरवाड़ व अजमेर की मण्डी में मूंग, उड़द, मक्का,मूंगफली व ज्वार सहित अन्य जिन्सों की आवक हो रही है। बिजयनगर की मंडी में मूंग 4500 से 6500 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द 4000 से 6500 रुपए प्रति क्विंटल, मक्का 1500 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार 1500 से 1900 रुपए प्रति क्विंटल, कपास 4500 से 5600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीद हुई। वर्तमान में मण्डी में मंूग 200 बोरी, उड़द 700 बोरी, ज्वार 1000 बोरी, मक्का 1000 बोरी की आवक हुई।
अतिवृष्टि की भेंट चढ़ी कपास की आवक बिजयनगर मण्डी में विगत वर्ष दीपावली से पूर्व प्रतिदिन लगभग दो हजार क्विंटल कपास की आवक थी। इस बार समीपवर्ती क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के चलते कपास की आवक काफी प्रभावित हुई है ।
वर्तमान में लगभग पांच सौ क्विंटल कपास की ही आवक है। साथ ही बरसात के चलते कपास की गुणवत्ता प्रभावित होने के चलते भावों की कमी से किसानों को कुछ नुकसान उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हे। सरकार की ओर से कपास भी 5600 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर सीधी खरीद की घोषणा कर दी गई है,लेकिन समर्थन व बाजार मूल्य पर विशेष अन्तर नहीं है।
साथ ही कपास विक्रय के बाद किसान को व्यापारी तुरन्त भुगतान कर देते हैं,जबकि सरकार की ओर से भुगतान विलम्ब से मिलता है। इसके चलते किसानों की समर्थन मूल्य में कपास बेचने में रूचि कम है।
सीधी खरीद प्रक्रिया से प्रभावित हो रही है जिंसों की आवक राज्य सरकार की ओर से निर्धारित समर्थन मूल्य पर सीधी खरीद प्रक्रिया शुरू होने से मण्डी में जिन्सों की आवक कम होने लगी है। सरकार की ओर से मूंग 7050 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द 5700 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए बिजयनगर मण्डी के क्रय विक्रय सहकारी समिति के जरिए जिन्सों की खरीद १ नवम्बर से प्रारंभ होगी। सीधी खरीद प्रक्रिया के तहत विगत 15 अक्टूबर से ऑन लाइन टोकन जारी किए जा रहे हैं। मूंग के समर्थन मूल्य व बाजार भाव में कुछ अन्तर है। एसके चलते मण्डी में मंूग की आवक थम सी गई है, वही उड़द की आवक पर भी असर पड़ रहा है।
बिजयनगर कृषि मंडी के सचिव बी. एल. माथुर के अनुसार बिजयनगर मण्डी क्षेत्र में अतिवृष्टि के चलते जिन्सों की आवक में कुछ कमी आई है। मण्डी में आने वाले किसानों की सुविधा को मध्यजनर रखते हुए जिन्सों की समय पर बोली लगाने एवं अन्य सुविधाएं बेहतर करने का प्रयास किए जा रहे हैं।