अस्पताल की रसोई में मंगलवार शाम को मरीजों के लिए बनने वाली दाल-रोटी तैयार होने के बाद नशा मुक्ति केन्द्र में भोजन की ट्रॉली पहुंची। केन्द्र स्थित वार्ड में भर्ती लाडपुरा निवासी सज्जनसिंह खाना लेने के लिए ट्रॉली के पास पहुंचा। उसने कटोरी में दाल ली। बाद में मरी हुई चिपकली नजर आई। उसने खाना वितरण करने वाली महिला कर्मचारी एवं भोजन लेने के लिए खड़े अन्य मरीज/परिजन को उसने छिपकली की बात कहते हुए दाल लेने से मना कर दिया। कर्मचारियों में भी हडक़ंप मच गया। वे जिन-जिन वार्डों में भोजन वितरण कर आए उनमें जाकर उन्होंने मरीजों व परिजन को दाल उपयोग में लेने से मना करते हुए सब्जी के उपयोग की बात कही।
वापस मंगवाई दालअस्पताल की रसोई घर से वार्डों में खाना वितरण करने पहुंचे कार्मिकों से तुरंत दाल वितरण बंद कर वापस मंगवा ली। अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने रसोई प्रभारी को दुबारा दाल तैयार करवाने के निर्देश दिए मगर उन्होंने कहा कि अन्य सब्जी पर्याप्त है उससे मरीजों को भोजन करने को कहा गया है। करीब ढाई सौ लोगों के लिए बना भोजनअस्पताल की रसोई में मंगलवार शाम को करीब 250 मरीज/ परिजन के लिए भोजन तैयार किया है। चपाती के साथ दाल एवं पालक-मूली की सब्जी बनाई गई।
फिर कहां रही चूक! रसोई में कुक व प्रभारी के अनुसार दाल कुकर में पकाई गई, अगर पहले ही छिपकली अंदर होती तो उसका पूरा आकार नहीं बचता। भोजन जांच के बाद वितरण करने का दवा किया गया। यह भी संभावना बताई जा रही कि विभिन्न वार्डों, गैलरी से होकर वितरण के लिए महिला कार्मिक नशा मुक्ति केन्द्र पहुंची। कहां वितरण के दौरान, गैलरी में छत आदि से छिपकली गर्म दाल में तो नहीं गिरी। अब यह जांच का विषय है कि आखिर दाल में छिपकली कैसे गिरी।इनका कहना हैरसोई में जांच के बाद ही भोजन वितरण के लिए भेजा गया।
मरीज को दाल डालते समय भी कर्मचारी को छिपकली नजर नहीं आई, चम्मच का आकार छिपकली के आकार से भी छोटा था। सूचना पर तुरंत सभी वार्डों में दाल के उपयोग को रुकवा दिया। अन्य सब्जी पालक-मूली से भोजन करने की बात कही।-मुकेश शर्मा, प्रभारी रसोईघर
दाल में छिपकली की सूचना मिलने पर तुरंत भोजन विड्रो करवा लिया गया। अन्य सब्जी के उपयोग के लिए कहा गया। जरूरत पडऩे पर रसोई में दुबारा भोजन तैयार करने के भी निर्देश दे दिए। मगर अन्य सब्जी पर्याप्त थी।-डॉ.अनिल जैन, अधीक्षक जेएलएनएचदाल में छिपकली की शिकायत मरीज ने दी थी लेकिन लिखित शिकायत नहीं दी। अन्य मरीज/परिजन ने भी भोजन किया लेकिन किसी ने तबियत बिगडऩे की शिकायत नहीं की। अनिल कुमार पांडे, थानाधिकारी कोतवाली