अस्पताल में मरीजों की कतारों को चीरते हुए बमुश्किल चिकित्सक के कक्ष में पहुंचते-पहुंचते कई मरीजों को दोपहर एक भी बज जाते हैं। गर्मी में आउटडोर का समय दोपहर 2 बजे तक हैं। आउटडोर में चिकित्सकों की ओर से मरीज की जांच व परामर्श के बाद रक्त एवं अन्य जांचों के लिए पर्ची लिखी जाती है। और पर्ची लेकर जब मरीज लैब तक पहुंचते हैं तो बताया जाता है कि सेम्पल लेने का समय खत्म हो गया है इसलिए कल सुबह आना।
ऐसे में मरीजों को सिर्फ जांच के सेम्पल के लिए शहर के दूसरे कोने से अस्पताल आना पड़ता है, जांच करवाने के बाद फिर शाम को 5 बजे जांच रिपोर्ट लेने आना पड़ता है। ऐसे में अस्पताल के तीन से अधिक बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। भगवानगंज निवासी सोनू ने बताया कि उसे बुखार है और खून का सेम्पल बुधवार को देने को कहा है। वहीं सेम्पल के लिए घूमती मुन्नी ने बताया कि पूरा दिन भर खराब हो गया मगर जांच के लिए बुधवार को आने को कहा है।
यह हो सुधार ओपीडी मरीजों के सेम्पल लेने का समय भी दोपहर 2 बजे तक होना चाहिए, ताकि सैन्ट्रल लैब में सेम्पल देकर मरीज चला जाए, भले ही जांच शाम को हो चाहे रात्रि में, मगर मरीजों को राहत मिलने के लिए अस्पताल प्रशासन को कदम उठाने चाहिए।
रूटीन मरीजों के जांच सेम्पल लेने का समय सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक निर्धारित है। इसके बाद दो से तीन घंटे प्रोसेसिंग में समय लगता है। इमरजेंसी केस के सेम्पल हर समय लिए जाते हैं।
-डॉ. अनिल जैन, अधीक्षक जेएलएनएच
-डॉ. अनिल जैन, अधीक्षक जेएलएनएच