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इस खबर को पढ़कर आपको भी हैरानी होगी , आखिर कब तक मरीजों के साथ अस्पताल में ईलाज के नाम पर ऐसे होता रहेगा मजाक

locationअजमेरPublished: Dec 26, 2017 08:48:24 am

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रात्रि में चिकित्सा सेवाएं नर्सिंगकर्मियों के भरोसे हैं। वार्डों में तो दिन-रात नर्सिंगकर्मी के भरोसे

patients suffer in hospuital nurses handling patients in hospital
अजमेर . संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रात्रि में चिकित्सा सेवाएं नर्सिंगकर्मियों के भरोसे हैं। वार्डों में तो दिन-रात नर्सिंगकर्मी के भरोसे ही मरीजों का इलाज चल रहा है। मेडिकल टीचर्स फैकल्टी एवं आचार्य सुबह का राउंड कर नर्सिंगकर्मियों को ही निर्देश दे रहे हैं। रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल और अब इन्टन्र्स चिकित्सकों के भी हड़ताल पर चले जाने से स्थिति विकट होती जा रही है, हालांकि अस्पताल के अधिकांश वार्डों में भर्ती मरीजों की संख्या कम हो रही है। चिकित्सक भी मरीजों को भर्ती करने में सावधानी बरत रहे हैं। सोमवार रात्रि पत्रिका ने अस्पताल के वार्डों का जायजा लिया, जहां कहीं कोई चिकित्सक, रेजीडेंट या फिर इन्टन्र्स ड्यूटी पर नहीं मिला।
केस-1

जेएलएन के सर्जरी वार्ड 3/4 में मरीज भर्ती मिले, करीब 6-7 बैड खाली मिले। यहां नर्सिंग स्टाफ की ओर से ही ड्यूटी संभाली जा रही है। रात्रि करीब 9 बजे मेल नर्स ही भर्ती मरीज को दवा, इंजेक्शन देने के साथ खुद ही मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जो काम रेजीडेंट व चिकित्सकों का है उन्हें भी वे संभाल रहे हैं।
केस-2

जेएलएन अस्पताल के सर्जरी विभाग में ही फिमेल वार्ड में करीब 10 से 12 बैड खाली मिले, यहां भर्ती 5-6 महिलाओं का उपचार नर्सिंगकर्मी ही कर रही हैं। सुबह चिकित्सक का राउंड रहा मगर शाम व रात्रि नर्सिंगकर्मी ही मरीजों को परामर्श व उपचार का जिम्मा संभाल रहे हैं।
केस-3

शिशु औषध विभाग के वार्ड में भी पांच-छह बैड खाली मिले। एक बैड पर दो युवक लेटे मिले। एक नर्स ही बच्चों को दवा व इंजेक्शन दे रही थी। यहां भी शाम से कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा। सुबह विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एस. कर्नावट ने मरीजों को संभाला, मगर इसके बाद नर्सिंगकर्मियों के भरोसे रहे शिशु मरीज। यहां भी कोई रेजीडेंट/चिकित्सक नहीं मिला।
केस-4

आपातकालीन इकाई में चिकित्सक मौजूद मिले, सीनियर रेजीडेंट के साथ हड्डी रोग विशेषज्ञ, अन्य मेडिसिन के चिकित्सक मौजूद मिले। यहां कई गंभीर घायल व अन्य मरीजों का उपचार जारी रहा। नर्सिंगकर्मी भी मरीजों के उपचार में जुटे मिले। शिशु औषध विभाग की आपातकालीन इकाई में भी एक चिकित्सक शिशु रोगी के लिए परामर्श दे रहे थे।

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