सुबह सूरज की किरणें प्रस्फुटित होते ही ग्रामीणों का कारवां अजमेर के निकट घूघरा तालाब की ओर बढ़ चला। महिलाओं ने खुदाई रूपी यज्ञ में गीत गाते हुए तालाब में बरसात के पानी की आवक के अवरोध हटाए। कोई गैंती-फावड़ा लेकर मिट्टी खोदने में व्यस्त दिखा, तो कोई तालाब के कैचमेंट एरिया से झाडिय़ां और खरपतवार और पत्थर हटाता नजर आया। सबने पानी की महत्ता को समझते हुए तालाब को गहरा करने में आहूति दी।
जल संरक्षण की शपथ
तालाब की खुदाई के दौरान ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित युवाओं ने बरसात के पानी के संरक्षण, तालाब से अतिक्रमण और अवरोध हटाने की शपथ ली। साथ ही अन्य गांवों में भी जागरुकता फैलाने का संकल्प लिया। लोगों ने तालाब, कुएं, झील और अन्य जलाशयों को संरक्षित रखने और बरसात के दौरान पौधरोपण का संकल्प भी लिया।
तालाब की खुदाई के दौरान ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित युवाओं ने बरसात के पानी के संरक्षण, तालाब से अतिक्रमण और अवरोध हटाने की शपथ ली। साथ ही अन्य गांवों में भी जागरुकता फैलाने का संकल्प लिया। लोगों ने तालाब, कुएं, झील और अन्य जलाशयों को संरक्षित रखने और बरसात के दौरान पौधरोपण का संकल्प भी लिया।
इन्होंने किया श्रमदान कायड़ उप सरपंच श्योराज गुर्जर, उप सरपंच रामगोपाल, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. प्रवीण माथुर, कांग्रेस नेता शिवप्रकाश बंसल, राजकीय नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी