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सेहत सुधारो सरकार…नर्क से भी बदतर है जनाना अस्पताल, देखेंगे हाल तो कांप उठेगा कलेजा

locationअजमेरPublished: Sep 17, 2017 11:41:46 pm

Submitted by:

raktim tiwari

मरीज किस अवस्था मे पलंग पर लेटा हुआ है इसकी देख रेख करने वाला भी कोई नही है।

नर्क से भी बदतर है जनाना अस्पताल, देखेंगे हाल तो कांप उठेगा कलेजा
अजमेर। राजकीय जनाना अस्पताल में मरीजों व प्रसूताओं की देख रेख भगवान भरोसे है। प्रसूता वार्ड में महिलाओं की स्थिति देख कर यहां मरीजों की सार-संभाल और चिकित्सकों का अभाव साफ झलकता है। मरीज किस अवस्था मे पलंग पर लेटा हुआ है इसकी देख रेख करने वाला भी कोई नही है। पत्रिका टीम ने रविवार दोपहर जनाना अस्पताल में मरीजों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधा की पड़ताल की तो जरूरी व्यवस्थाओं का अभाव पाया।
यही नहीं मरीज़ों की सुरक्षा व्यवस्था में भी सेंध नजर आई। अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुरक्षा गार्ड नदारद था। लोग बिना किसी रोक टोक के अस्पताल में घुस रहे थे। वाटर कूलर गन्दगी से अटे हुए और परिसर में मवेशी घूम रहे थे। जाहिर सी बात है। जब गार्ड ही अपनी ड्यूटी से नदारद है तो मवेशियों को हटाने का कार्य सम्भव नहीं है।
किराए के पंखे से हवा
महिला प्रसूता वार्ड में कहीं पंखे बंद थे तो किसी पलंग के ऊपर पंखे नहीं हैं। मरीजों के परिजन उनके लिए अस्पताल के बाहर बनी दुकानों से किराए के पंखे खरीदते दिखे। वार्ड में भी अधिकांश बेड पर मरीज़ को किराए के पंखे से राहत पाते देखा गया। मरीज व उनके परिजन के लिए लगाए गए वाटर कूलर के आस पास गन्दगी का जमघट लगा था। वाटर कूलर के आस पास कीचड़ व गंदे पानी से असहनीय दुर्गंध फैली हुई थी। बीमारी से मुक्त होने की आस में अस्पताल आने वाले मरीजों को गन्दगी के चलते अन्य बीमारियों की चपेट में आने का खतरा प्रतिपल बना हुआ है।
अस्पताल की कैंटीन में गंदगी
मरीजों की देख रेख को आए परिजन को अस्पताल के अंदर बनी कैंटीन में भी गंदगी से छुटकारा नहीं मिलता। केन्टीन में जहां लोग खाना खाते है वहीं पड़े बर्तनों में खून से सनी कॉटन व अन्य पट्टी आदि पड़ी हुई है। पार्किंग स्थल के पास बने पार्क में गन्दगी का ढेर है। पार्क के हाल देख कर यही लगता है कि सफ ाई पिछले कई वर्षों से नही की गई है। स्वस्थ्य भारत की मुहिम जनाना अस्पताल में दम तोड़ती नजर आ रही है।
मुख्य द्वार पर टैक्सियों का जमावड़ा
अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने टैक्सियों का जमावड़ा हर समय लगा रहता है। अगर किसी भी समय आपातकाल स्थिति में एम्बुलेंस को गेट के अंदर व बाहर जाना हो तो उन्हें टैक्सियों के हटने का इंतजार करना पड़ता है। एेसे में मरीज की स्थिति बिगडऩे पर गंभीर हालात पेश आ सकते हैं।
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