प्रार्थना और नवकार मंत्र
सिंघवी ने बताया कि रोजमर्रा की भागदौड़ और व्यस्तता के बाद परिवार को समय दे पा रहे हैं। वे रोज व्यायाम और योग-प्राणायाम करते हैं। शाम को पूरा परिवार 1 घंटे प्रार्थना और नवकार मंत्र का जाप करता है। उन्हें बरसों बाद रामायण-महाभारत धारावाहिक देखने का अवसर मिल रहा है। बच्चों को वे प्राचीन संस्कृति और मूल्यों के बारे में बताते हैं।
सिंघवी ने बताया कि रोजमर्रा की भागदौड़ और व्यस्तता के बाद परिवार को समय दे पा रहे हैं। वे रोज व्यायाम और योग-प्राणायाम करते हैं। शाम को पूरा परिवार 1 घंटे प्रार्थना और नवकार मंत्र का जाप करता है। उन्हें बरसों बाद रामायण-महाभारत धारावाहिक देखने का अवसर मिल रहा है। बच्चों को वे प्राचीन संस्कृति और मूल्यों के बारे में बताते हैं।
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ऑनलाइन टीचिंग हुई अहमसिंघवी ने बताया कि स्टाफ के साथ वे ऑनलाइन लेक्चर अपलोड करने के साथ-साथ बच्चों की समस्याओं के समाधान, यू-ट्यूब पर ई-लेक्चर, ई-कंटेंट को अपडेट करते हैं। ऑनलाइन शिक्षण के अलावा प्रतिदिन शिक्षक दो-तीन बच्चों से स्वास्थ्य, खेलकूद की चर्चा करते हैं। वे बच्चों को पौष्टिक आहार का प्रयोग, व्यायाम अैर अच्छी पुस्तकें पढऩे की हिदायत दे रहे हैं।
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इस साल विश्वविद्यालयों के कॉमन सिलेबस बनना मुश्किल रक्तिम तिवारी/अजमेर. विश्वविद्यालयों के लिए इस साल कॉमन सिलेबस बनना मुश्किल है। दरअसल कई विश्वविद्यालयों में बोर्ड ऑफ स्टडीज का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इसके अलावा सिलेबस बनाने और उसके अनुसार किताबें उपलब्ध कराना भी आसान नहीं है। राजभवन राज्य के 28 सरकारी विश्वविद्यालयों में कॉमन सिलेबस लागू करने का पक्षधर हैं। इनमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के लॉ, कला, वाणिज्य, विज्ञान, ललित कला, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान संकाय से जुड़े सिलेबस शामिल हैं। नियमानुसार विश्वविद्यालय की पाठ्यचर्या समिति (बोर्ड ऑफ स्टडीज) विषयवार पाठ्यक्रम तैयार करती हैं। समितियों में विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, रीडर और विशेषज्ञ शामिल किए जाते हैं।
तीन विश्वविद्यालयों पर अहम जिम्मेदारी
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर और एम.एल. सुखाडिय़ा विवि उदयपुर पर सिलेबस बनाने की अहम जिम्मेदारी है। अव्वल तो इन विश्वविद्यालयों में संकायवार सर्वाधिक विशेषज्ञ और शिक्षक हैं। अन्य विश्वविद्यालयों में संकायवार शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर और एम.एल. सुखाडिय़ा विवि उदयपुर पर सिलेबस बनाने की अहम जिम्मेदारी है। अव्वल तो इन विश्वविद्यालयों में संकायवार सर्वाधिक विशेषज्ञ और शिक्षक हैं। अन्य विश्वविद्यालयों में संकायवार शिक्षकों के पद रिक्त हैं।