उसी के तहत सरवाड़ उपखंड के किसानों सेे एक साल पहले मूंग-उड़द खरीदे गए थे, लेकिन उसका भुगतान शेष है। पीडि़त किसानों ने १७ फरवरी को धरना दिया तो नैफेड ने पैसे देने की बजाए खरीदे मूंग-उड़द वापस लौटाने के निर्देश दिए हैं।
सरवाड़ में क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से 144 किसानों से यह दलहन खरीदी गई थी। इसे लेकर कई बार राजस्थान किसान महापंचायत ने जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार की ज्ञापन दिए गए।
सरवाड़ में क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से 144 किसानों से यह दलहन खरीदी गई थी। इसे लेकर कई बार राजस्थान किसान महापंचायत ने जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार की ज्ञापन दिए गए।
सोमवार को यहां सहकारी समिति कार्यालय के बाहर भी धरना दिया गया। महापंचायत के अजमेर जिलाध्यक्ष बालूराम भींचर की अगुवाई में किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। भींचर ने बताया कि पौने दो करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। इससे किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों को वापस मिलेगा मूंग-उड़द किसानों के धरने के मद्देनजर खरीद एजेंसी नैफे ड ने प्रदर्शनकारी किसानों से वार्ता की। समझौता कर सोमवार को ही राजफै ड को निर्देश दिए कि संबंधित १४४ किसानों को उनका २ हजार ८४८ क्विंटल मूंग व उड़द वापस लौटाएं। किसानों को उनका माल ब्यावर व गंगापुर वेयर हाउस से लौटाया जाएगा। किसानों ने समझौते के बाद धरना समाप्त कर दिया।
इस दौरान भींचर, गोपाल जाट, नाथूराम जाट, सकराम माली, बालूराम धाकड़, तेजाराम जाट, मोहनलाल धोबी, गोवर्धन माली, शिवप्रसाद मेवाड़ा, हनुमान रेगर, पदम कुमार जैन, बुद्धि राम रेगर, गोरूराम जाट, गोविंद गुर्जर, सत्यनारायण चौधरी, रामराज जाट, शंकरलाल जाट, उगमाराम जाट आदि मौजूद रहे।