सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि इस बार गर्मी का दौर ज्यादा चलने से भी मौसमी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे भावों में उतार चढ़ाव बना हुआ है। सब्जी की दुकानें गली मोहल्लों में होने से भी लोगों को सब्जी महंगी होने का एहसास हो जाता है। ऐसे गली मोहल्लों में सब्जी वाला मनमर्जी के दाम लगाता है जिससे आमजन को सब्जी महंगी पड़ती है।
उत्तराखंड की भिंडी व लौकी राजस्थान मेंअजमेर में उत्तराखंड देहरादून, पंजाब, गुजरात सहित
उदयपुर व
जयपुर से सब्जी पहुंच रही है। अभी पुष्कर क्षेत्र से स्थानीय मौसमी सब्जियां मटर, गाजर लौकी, भिंडी आदि नहीं आई है। इस कारण इन सब्जियों के भाव आसमान पर हैं।
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि दिसम्बर माह से मटर, गाजर, भिंडी आदि स्थानीय खेतों से पहुंचने के बाद भावों में कमी आएगी। अभी टमाटर सौ के पार थे लेकिन अब यह 55 से 65 के आसपास पहुंच गए है। इसी तरह मटर भी अभी प्रति करीब 150 रुपए पहुंच चुका है। आलू अब भी आम आदमी की पहुंच में है। आलू अभी 10 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है।
भाव एक नजर में (प्रति किग्रा)
सब्जी खुदरा थोक आलू 15 10 प्याज 45 35
मटर 160 140 टमाटर 60 50
भिंडी 60 45 खीरा 30 25
गाजर 60 45 नींबू 60 45
ककड़ी 60 40
लौकी 30 20
पोदीना 80 50 धनिया 80 60
गोभी 30 20 गाजर 60 45
मिर्च 40 30 बीन्स 100 80
अदरक 60. 40 हल्दी 60 40 सब्जियों के भाव में रोजाना उतार चढ़ाव : गाजर-मटर के भाव उतरेंगे अगले माह, यूपी, दिल्ली, गुजरात व जयपुर उदयपुर से आ रही सब्जियां सब्जियों के भाव में रोजाना उतार चढ़ाव लिहाजा लाेगाें काे मण्डी जाने के बाद भाव देखकर निराशा ही हाथ लग रही है