इसलिए जरूरी है जोनल प्लान प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए मास्टर प्लान के लिए सेक्टर और जोनल प्लान भी आवश्यक है। इसलिए सरकार ने नोटीफिकेशन जारी कर मास्टर प्लान की तरह ही जोनल प्लान पर भी आपत्तियां मांगी है। लिखित रूप से आपत्ति/ सुझाव दिए जा सकत है, अथवा डाक द्वारा प्राधिकरण कार्यालय में भेजे जा सकते है।
इसलिए जरूरी है आपत्ति,सुझाव जोनल प्लान अपने आप में किसी क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास का खाका होता है। किसी भी क्षेत्र को कई जोन में विभाजित कर सकते हैं। जोनल प्लान बनाने के लिए कई क्षेत्र को कई भागों में बांटा जाता है। जोनल प्लान का अर्थ है यदि किसी जोन में शैक्षणिक प्रयोजनार्थ कुछ उपयोग नहीं दिया गया है तो उस जोन में शैक्षणिक प्रयोजनार्थ दिया जा सकता है वो उस जोन की प्लानिंग के ऊपर निर्भर करता है। इसी तरह हॉस्पिटल, खेलकूद और कई तरह की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। यदि चन्द्रवरदाई नगर में खेल मैदान है तो माकड़वाली में मांगा जा सकता है। शह के सभी क्षेत्रों में सभी सुविधाएं होनी चाहिए। भूखंडो, सड़कों तथा मकानों का विवरण प्रस्तुत किया जाता है ताकि किसी को परेशानी नहीं हो।
मास्टर प्लान की अनदेखी हो सकती है पूरी मास्टर प्लान में जिस-जिस की अनदेखी की जा सकती है जोनल प्लान के जरिए उसे शामिल करवाया जा सकता है। आम लोगों को यह पता नहीं होता कि क्षेत्र में किस चीज की कमी है और क्या दर्शाया गया है।फायसागर जोन पर केवल 5 आपत्ति प्राधिकरण ने इससे पूर्व फाय सागर जोन का जोनल डवलपमेंट प्लान जारी कर चुका है। इस पर केवल 5 आपत्तियां ही दर्ज हुई थीं।
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