ये है मामला पंचशील हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी विकास समिति के पदाधिकारियों नेे वकील विवेक पाराशर के जरिए एक प्रार्थना पत्र स्थायी लोक अदालत में पेश किया। इसमें हाउसिंग बोर्ड के आवासीय अभियंता, नगर निगम आयुक्त व जिला कलक्टर को पक्षकार बनाया है। इसमें कहा गया है कि क्षेत्रीय कॉलोनी में छह सैक्टर हैं जहां करीब 800 से 1000 परिवार रहते हैं। जहां देश भर में स्वच्छता अभियान चलाए जा रहा है वहीं क्षेत्र में सडक़ों व नालियों की सफाई नहीं हो रही। नालियों में प्लास्टिक की थैलियों से कीचड़ जमा है, नालों में झाडिय़ां उगी हुई हैं। नालियों में पानी की निकासी नहीं है।
लौटा देते हैं विभाग याचिका में बताया गया कि निगम के सफाईकर्मी व कचरा संग्रहण की गाड़ी भी यहां नहीं आती है। निगम के वार्ड संख्या 58 में आने वाले इस कॉलोनी के लोग जब हाउसिंग बोर्ड में जाते हैं तो यह कह कर लौटा दिया जाता है कि उनका कार्य केवल आवंटन का है। सफाई का जिम्मा निगम का है। कॉलोनी में स्वच्छता अभियान के अतिरिक्त सभी योजनाएं लागू होती हैं। क्षेत्रवासियों को मौलिक व कानूनी अधिकार है कि यहां अन्य क्षेत्रों की तरह ही सफाई व्यवस्था लागू हो। गंदगी से यहां जानवर घूमते रहते हेैं जिससे मौसमी बीमारियां फैलने का भी खतरा हो गया है।
केवल वोट मांगने आते नेता याचिका में बताया गया है कि क्षेत्र में जनप्रतिनिधि केवल चुनाव के समय ही आते हैं। अदालत से मांग की है कि क्षेत्र में पर्याप्त सफाई व्यवस्था के लिए 20 कर्मचारी, 300 कचरा पात्र, कचरा संग्रहण व्यवस्था व अब तक इसकी उपेक्षा करने वाले कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।