दरअसल, अनामिका का विवाह दो साल पहले अजमेर जिले के अरांई निवासी अनुज पोरवाल के साथ हुआ है। उज्जैन में अनामिका के माता-पिता बीमार हैं। उनके कोई बेटा भी नहीं है। अनामिका इकलौती संतान है। लॉकडाउन के दौरान अनामिका अपनी बीमार मां के पास जाना चाहती थी।
इसके लिए नियमानुसार जिला कलक्टर,अजमेर व तहसीलादर अरांई को आवेदन भी किया, लेकिन अनुमति नहीं मिली। इससे निराश अनामिका तनाव में आ गई। उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मानवीय संवेदनाएं आई काम
तहसीलदार शीला चौधरी ने अपने स्तर पर काफी प्रयास किए,लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इस बीच अनामिका की हालत देख तहसीलदार की भी मानवीय संवदेना जाग गई। जिला कलक्टर,अजमेर व उपखंड अधिकारी से विशेष आग्रह कर अनामिका को मेडिकल इमरजेंसी के आधार पर उज्जैन जाने का अनुमति पत्र मिल गया। अब अनामिका पोरवाल अपनी बीमार मां की सेवा कर सकेगी।
छत से गिरने पर मां हुई घायल अनामिका के अनुसार उसकी मां गत दिनों छत से गिरकर गम्भीर घायल हो गई। लॉकडाउन में उज्जैन जाना संभव नहीं हो रहा था। मां की सेवा करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में उसका उज्जैन जाना जरूरी था। यात्रा का पास बनवाने में तहसीलदार शीला चौधरी ने विशेष रूचि दिखाई। पुलिस उपाधीक्षक सतीश यादव तथा उपखण्ड अधिकारी देवेन्द्र यादव ने तहसीलदार की रिपोर्ट को महत्व देकर अनामिका के उज्जैन जाने सम्बन्धी अनुमति पत्र का रास्ता साफ करने में सहायता की।