अजमेर. हाथों में गेंती, फावड़े एवं कुदाली लेकर महिलाएं-पुरुष, युवा सब जुटे। वर्षा जल संग्रहण एवं प्रकृति संरक्षण के जज्बे के साथ सभी तालाब/ नाडी खुदाई कार्य में जुट गए। जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ कंधा मिलाकर श्रमदान किया। करीब ढाई घंटे तक चले श्रमदान एवं खुदाई कार्य में सभी ने पसीना बहाया। यही नहीं सभी ने जल संरक्षण के लिए शपथ ली। राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकार के तहत अमृतम्-जलम् अभियान के तहत रविवार सुबह कायड़ ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित श्रवण की नाडी (तालाब) पर सैकड़ों लोगों ने श्रमदान किया। महिलाओं, पुरुषों ने तालाब से मिट्टी खुदाई कर तालाब की पाल पर डाली। मानव शृंखला बनाकर एवं कतारों में खड़े होकर युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों ने तगारियां भर कर मिट्टी को पाल पर डालने का काम किया। संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति विजय श्रीमाली, श्रीनगर प्रधान सुनीता रावत, सरपंच रेणुका ने भी गेंती, फावड़े चलाकर खुदाई की। इस कार्य में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। मदस के कुलपति श्रीमाली ने कहा कि राजस्थान पत्रिका हमेशा से ही सामाजिक सरोकार के कामों में आगे रहा है। पत्रिका ने हमेशा लोगों को जोडऩे का काम किया है। प्रकृति को बचाने के लिए जल स्रोतों का रख-रखाव आवश्यक है।