बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए इन दिनों जातरुओं के जत्थे का रुणेचा जाने का सिलसिला बना हुआ है। भक्त पैदल, दुपहिया व अन्य साधनों से यात्रा करते हैं। लेकिन कुछ लोग जुगाड़ और ट्रेक्टर ट्रॉली में जहां-तहां बैठे और लटकते हुए देखे जा सकते हैं जो उनकी जान के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे वाहन अजमेर शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों से गुजरते हैं जहां परिवहन और यातायात पुलिस मौजूद रहती है। इसके बावजूद जातरुओं को जोखिम से बाज आने को रोका-टोका नहीं जाता।
बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए इन दिनों जातरुओं के जत्थे का रुणेचा जाने का सिलसिला बना हुआ है। भक्त पैदल, दुपहिया व अन्य साधनों से यात्रा करते हैं। लेकिन कुछ लोग जुगाड़ और ट्रेक्टर ट्रॉली में जहां-तहां बैठे और लटकते हुए देखे जा सकते हैं जो उनकी जान के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे वाहन अजमेर शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों से गुजरते हैं जहां परिवहन और यातायात पुलिस मौजूद रहती है। इसके बावजूद जातरुओं को जोखिम से बाज आने को रोका-टोका नहीं जाता।
बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए इन दिनों जातरुओं के जत्थे का रुणेचा जाने का सिलसिला बना हुआ है। भक्त पैदल, दुपहिया व अन्य साधनों से यात्रा करते हैं। लेकिन कुछ लोग जुगाड़ और ट्रेक्टर ट्रॉली में जहां-तहां बैठे और लटकते हुए देखे जा सकते हैं जो उनकी जान के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे वाहन अजमेर शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों से गुजरते हैं जहां परिवहन और यातायात पुलिस मौजूद रहती है। इसके बावजूद जातरुओं को जोखिम से बाज आने को रोका-टोका नहीं जाता।
बाबा रामदेव के दर्शन करने के लिए इन दिनों जातरुओं के जत्थे का रुणेचा जाने का सिलसिला बना हुआ है। भक्त पैदल, दुपहिया व अन्य साधनों से यात्रा करते हैं। लेकिन कुछ लोग जुगाड़ और ट्रेक्टर ट्रॉली में जहां-तहां बैठे और लटकते हुए देखे जा सकते हैं जो उनकी जान के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे वाहन अजमेर शहर के प्रमुख मार्गों और चौराहों से गुजरते हैं जहां परिवहन और यातायात पुलिस मौजूद रहती है। इसके बावजूद जातरुओं को जोखिम से बाज आने को रोका-टोका नहीं जाता।