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अजमेर

Plantation: चाहिए हरियाली और फे्रश एयर तो खूब लगाएं पेड़

समूह ने उद्यान में हरियाली के लिए विभिन्न पौधों के बीज प्रदान किए।

अजमेरJul 05, 2020 / 07:55 am

raktim tiwari

plantation in garden

plantation in garden

अजमेर.

पर्यावरण संरक्षण के तहत महात्मा गांधी नगर वन उद्यान में कार्यक्रम हुआ। माई क्लीन स्कूल समूह ने उद्यान में हरियाली के लिए विभिन्न पौधों के बीज प्रदान किए।

सेवानिवृत्त वन संरक्षक जे.पी. भाटी कहा कि जैव विविधता के लिए हरियाली बढ़ानी जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति को पौधरोपण और बीज संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। इस दौरान देशी बबूल, कुमठा, बिल्वपत्र, इमली, जंगल जलेबी, सीताफल, खिरनी अमलताश वृक्ष के बीज सौंपे गए। माई क्लीन स्कूल समूह के सचिव सुरेश माथुर, अभय माथुर, अशोक माथुर, लक्ष्मीनारायण बंसल और अन्य मौजूद रहे।
बीटीयू से मिली इंजीनियरिंग कॉलेज को ए-ग्रेड

अजमेर. बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग कॉलेज बड़ल्या को ‘एÓ ग्रेड से नवाजा है। क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू के तहत शैक्षिक नवाचार, तकनीकी उपयोग और सह शैक्षिक गतिविधियों के आधार पर ग्रेड जारी की गई है।
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष अपने क्षेत्राधिकार वाले इंजीनियरिंग कॉलेज को क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू के तहत ग्रेड जारी करता है। इसमें विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात, इंटरनेट सुविदा, वेतनमान, सह शैक्षिक पाठ्यक्रम, शोध पत्र, प्लेसमेंट और अन्य बिंदु शामिल होते हैं।
कॉलेज को मिली ए ग्रेड
प्राचार्य उमांशकर मोदानी ने बताया कि बीकानेर टेक्निक यूनिवर्सिटी से कॉलेज को ए ग्रेड मिली है। कॉलेज ने 1000 में से 720 अंक हासिल किए हैं। पिछले वर्ष कॉलेज को महज 531 अंक मिले थे। इससे कॉलेज को बी ग्रेड मिली थी। एक वर्ष में कॉलेज ने कई शैक्षिक नवाचार किए गए। इनमें प्लेसमेंट, प्रौद्योगिक उपयोग, सह शैक्षिक गतिविधियों और नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत शामिल है। प्रकोष्ठ समन्वय डॉ. नीतू शर्मा ने बताया कि सामाजिक सरोकार, विद्यार्थियों के प्रवेश, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी मूल्यांकन किया गया।
महिला इंजीनियरिंग कॉलेज को बी ग्रेड
बीटीयू की सूची में महिला इंजीनियरिंग कॉलेज को बी ग्रेड से नवाजा गया है। कॉलेज को 1000 में से 548 अंक मिले हैं। मालूम हो कि महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी ब्रांच में सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम के तहत दाखिले होते हैं। यहां सरकारी सीट को लेकर छात्राओं ने कई बार मांग भी उठाई है।
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