एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार केंद्र सरकार ने देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इनमें आमतौर पर काम आने वाले पॉलीथिन और प्लास्टिक के डिस्पोजल गिलास जैसे आइटम शामिल हैं। कॉलेज शिक्षा निदेशालय सभी कॉलेज प्राचार्यों को एनजीटी के निर्देशों की अनुपालना को लेकर पत्र भेज चुका है।
टास्क फोर्स गठित
एसपीसी-जीसीए के प्राचार्य डॉ. एस.के. उपाध्याय ने बताया कि टास्क फोर्स का गठन हो गया है। सत्र 2022-23 की शुरुआत के साथ अभियान चलाया जाएगा। राजकीय कन्या महाविद्यालय, लॉ कॉलेज सहित कई अन्य कॉलेज में टास्क फोर्स बनाई गई है। इसमें शामिल शिक्षक कॉलेज सहित आसपास के इलाकों में चाय-कॉफी और अन्य पेय पदार्थों के लिए मिट्टी के कुल्हड़ के उपयोग को प्रेरित करेंगे।
यूं चलेंगे कार्यक्रम
-1 जुलाई से परिसरों में लगाए जाएंगे पोस्टर-बैनर
-यूजी-पीजी कक्षाओं में विद्यार्थियों को भेजे जाएंगे वॉट्सएप पर मैसेज
-कैंपस में प्लास्टिक के उत्पाद नहीं लाने की समझाइश-कार्यशाला-सेमिनार में पेपर मैश, चीनी/स्टील प्लेट में भोजन
-पानी के लिए कागज के गिलास का इस्तेमाल
-परिसरों में स्पीकर पर प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की उद्घोषणा
प्लास्टिक के इन उत्पाद पर लगेगा प्रतिबंध
प्लास्टिक स्टिक, झंडे और कैंडी की प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए थर्मोकोल, प्लास्टिक के चम्मच, कप-प्लेट, मिठाई के डिब्बे पर लपेटी जाने वाली प्लास्टिक, सिगरेट के पैकेट पर लपेटे जाने वाली प्लास्टिक और अन्य।
फैक्ट फाइल (अजमेर में प्रतिदिन खपत)
10 हजार पॉलीथिन बैग सब्जियों के लिए
8 हजार कैरी बैग फल विक्रेता-ठेलों पर
7 हजार कैरी बैग डेयरी बूथ/ दुकानों पर
12 हजार थैलियां किराणा और अन्य दुकानों पर
अजमेर में सालाना निकलता प्लास्टिक वेस्ट
100 टन प्लास्टिक बोतल
70 टन प्लास्टिक चम्मच कप-प्लेट