केस-1: पूरा दिया है किराया... जवाहर रंगमंच के निकट नागौर से आई निजी बस को ट्रेफिक पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। सवारियों को नीचे उतार दिया। चार महिलाएं और एक युवक पुलिसकर्मियों से बहस करने लगे। कहा, हम रोजाना पूरा किराया देकर आते हैं। यह बस फव्वारा सर्किल तक छोड़ती है। आज यहां कैसे उतार दिया। युवक ने खुद को डीएसपी रैंक का अधिकारी बताते हुए कहा कि आप यहां कार्रवाई कर रहे हो...यही बस मेड़ता, हरसौर, पुष्कर, क्रिश्चियनगंज थाना इलाके से गुजरती यहां तक कैसे आ गई। लेकिन पुलिसकर्मियों ने सवारियों को प्रशासनिक निर्देश का हवाला देकर बस का चालान बना दिया।
केस-2 चौपाटी पर उतारी सवारियां रोजाना जवाहर रंगमंच, सिविल लाइंस तक दौड़ने वाली निजी बस ने पैसेंजर को आनासागर चौपाटी पर उतार दिया। यहां से सवारियां टेम्पो, सिटी बस में सवार होकर गंतव्य स्थल पर रवाना हुई। नागौर से आए तीन बुजुर्ग और महिलाएं सामान लेकर टेम्पो में बैठे। यहां भी ट्रेफिक पुलिसकर्मी ने उन्हें प्रशासनिक आदेश का हवाला दिया।
केस-3: रीजनल कॉलेज पर रोका रीजनल कॉलेज तिराहे पर ट्रेफिक पुलिसकर्मियों ने निजी बसों को रोका। यह देखकर कई लोग बहस करने लगे। पुष्कर, मेड़ता, नागौर से आई कई महिलाएं नाराज हो गई। उन्होंने कहा जब किराया दिया है तो आप अजमेर शहर तक बस क्यों नहीं जाने दे रहे हो। हम सिटी बस और टेम्पो का किराया क्यों भुगतें। पुलिस कर्मियों ने बसों के चालक और परिचालक को प्रशासनिक निर्देशों का हवाला देकर पाबंद किया।
केस-4: यहां नहीं कार्रवाई गौरव पथ पर मॉल के निकट निजी बस खड़ी मिली। इसके इर्द-गिर्द फल, जूस सब्जी के ठेले वाले मंडराते रहे। प्रशासनिक सख्ती के बावजूद बस यहां तक पहुंची और सवारियां लेकर वापस रूट पर रवाना हुई। इसी तरह रेम्बल रोड, पुलिस लाइन इलाके में भी निजी बस नजर आई।