अन्नपूर्णा ने मुख्यालय के रोकडिय़ा एवं संस्थापन (ई एंड कैश) शाखा में रोकडिय़ा के पद पर रहते हुए अप्रेल 2017 से मई 2018 के दौरान 53 लाख 45 हजार रुपए तथा एओ एडीसी में रोकडिय़ा के पद रहते हुए 42 लाख 88 हजार रुपए का गबन किया। अन्नपूर्णा को विभिन्न सब डिवीजनों से आने वाली कर्मचारियों की हाजिरी शीट चैक कर उसके अनुसार बैंक में राशि जमा करवानी होती थी जिससे कर्मचारियों को प्रतिमाह तनख्वाह मिलती थी। लेकिन वह किसी सब डिवीजन कार्यालय के हाजिरी शीट (एलोकेशन सीट) को रिपीट कर कर्मचारियों की संख्या व तनख्वाह की राशि बढ़ा देती थी। इससे बैंक इस शीट के अनुसार ही उसके रिश्तेदारों के खातों में पैसा डाल देता था। निगम के केसरगंज स्टेशन रोड स्थित शाखा में 378 कर्मचारियों की सैलरी जमा होती थी। जांच के दौरान कई संदिग्ध खाते पाए गए जिनमें जमकर लेन-देन हुआ।
ऐसे हुआ भंडाफोड़
अन्नपूर्णा की नियुक्ति वर्ष 2012 में निगम मुख्यालय में कॉमर्शियय असिटेंट के पद पर हुई थी। निगम मुख्यालय के रोकडिय़ा एवं संस्थापन (ई एंड कैश) शाखा में उसे रोकडिय़ा का काम सौंपा गया। उसने इस पद रहते हुए अप्रेल 2017 से मई 2018 के दौरान 53 लाख 45 हजार रुपए गबन कर लिया। फर्जी दस्तावेजों से अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते खुलवाए और हर महीने उनमें तनख्वाह की राशि डालती रही। अपने खातें में राशि डालने के बाद उसे थोड़े-थाड़े समय पर रिश्तेदारों के खाते में जमा करवा देती थी। हाल ही एओ एंड डीसी के एओ आर.आर.सुमन को इस पद का चार्ज दिया तो सामने आया कि सैलरी के कई बाउचर गायब हैं। सुमन ने शुक्रवार को इसकी सूचना लेखाशाखा के उच्चाधिकारियों को दी।
अन्नपूर्णा की नियुक्ति वर्ष 2012 में निगम मुख्यालय में कॉमर्शियय असिटेंट के पद पर हुई थी। निगम मुख्यालय के रोकडिय़ा एवं संस्थापन (ई एंड कैश) शाखा में उसे रोकडिय़ा का काम सौंपा गया। उसने इस पद रहते हुए अप्रेल 2017 से मई 2018 के दौरान 53 लाख 45 हजार रुपए गबन कर लिया। फर्जी दस्तावेजों से अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते खुलवाए और हर महीने उनमें तनख्वाह की राशि डालती रही। अपने खातें में राशि डालने के बाद उसे थोड़े-थाड़े समय पर रिश्तेदारों के खाते में जमा करवा देती थी। हाल ही एओ एंड डीसी के एओ आर.आर.सुमन को इस पद का चार्ज दिया तो सामने आया कि सैलरी के कई बाउचर गायब हैं। सुमन ने शुक्रवार को इसकी सूचना लेखाशाखा के उच्चाधिकारियों को दी।
पदोन्नति के बाद भी जारी रहा गबन
अन्नपूर्णा का 27 जून 2018 का तबादला पंचशील स्थित मुख्यालय से हाथीभाटा अधीक्षण अभियंता कार्यालय कर दिया गया। अधीक्षण अभियंता ने उसे अजमेर शहर वृत्त के रोकडिय़ा के पद पर लगा दिया। इसके बाद अन्नपूर्णा ने जुलाई 2018 से अक्टूबर 2018 के दौरान भी गबन को जारी रखते हुए 42 लाख 88 हजार 426 रुपए का घपला किया। हाल ही अन्नपूर्णा को पदोन्नति देते हुए सहायक प्रशासनिक अधिकारी बनाया गया था।
अन्नपूर्णा का 27 जून 2018 का तबादला पंचशील स्थित मुख्यालय से हाथीभाटा अधीक्षण अभियंता कार्यालय कर दिया गया। अधीक्षण अभियंता ने उसे अजमेर शहर वृत्त के रोकडिय़ा के पद पर लगा दिया। इसके बाद अन्नपूर्णा ने जुलाई 2018 से अक्टूबर 2018 के दौरान भी गबन को जारी रखते हुए 42 लाख 88 हजार 426 रुपए का घपला किया। हाल ही अन्नपूर्णा को पदोन्नति देते हुए सहायक प्रशासनिक अधिकारी बनाया गया था।
तीन सदस्यीय कमेटी ने की जांच
निगम ने मामले की जांच के लिए मुख्य लेखाधिकारी (सराब) एम.के.जैन, मुख्य लेखाधिकारी (लेकप) बी.एल शर्मा तथा सहायक लेखाधिकारी-1 (लेखा) मनीष मेठानी की तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच शुरू की। मुख्यालय व हाथीभाटा स्थित निगम कार्यालय में शनिवार और रविवार को जांच हुई तो लाखों रुपए का घपला सामने आया गया। सोमवार को प्रारम्भिक जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की गई।
निगम ने मामले की जांच के लिए मुख्य लेखाधिकारी (सराब) एम.के.जैन, मुख्य लेखाधिकारी (लेकप) बी.एल शर्मा तथा सहायक लेखाधिकारी-1 (लेखा) मनीष मेठानी की तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच शुरू की। मुख्यालय व हाथीभाटा स्थित निगम कार्यालय में शनिवार और रविवार को जांच हुई तो लाखों रुपए का घपला सामने आया गया। सोमवार को प्रारम्भिक जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की गई।
अब लागू करेंगे डीओआईटी का सॉफ्टवेयर
निगम के मुख्य लेखा नियंत्रक एस.एम.माथुर के अनुसार अब यह भी जांच की जाएगी कि सिस्टम में लूज पोल कहां है जिससे गबन का मौका मिला।इसके लिए सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। डीओआईटी की ओर से तैयार किया गया सॉफ्टवेयर अगले माह से लागू किया जाएगा। इसके अलावा निगम ने स्पेशल ऑडिट के भी आदेश दिए हैं।
निगम के मुख्य लेखा नियंत्रक एस.एम.माथुर के अनुसार अब यह भी जांच की जाएगी कि सिस्टम में लूज पोल कहां है जिससे गबन का मौका मिला।इसके लिए सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। डीओआईटी की ओर से तैयार किया गया सॉफ्टवेयर अगले माह से लागू किया जाएगा। इसके अलावा निगम ने स्पेशल ऑडिट के भी आदेश दिए हैं।
वहीं इस मामले में प्रबंध निदेशक बी.एम.भामू का कहना है दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जीत चुकी है मिसेज इंडिया का खिताब निगम कर्मचारी अन्नपूर्णा ने वर्ष 2017 में मुंबई के मड आइलैंड स्थित रिसोर्ट रीट्रीट में 26 से 30 जून तक आयोजित मिसेज इंडिया-2017 में मिसेज राजस्थान-2017 और मिसेज इंडिया मोस्ट एंटरटेंनिग-2017 का खिताब जीता था। इसके अलावा वह मिसेज इंडिया 2017 का खिताब भी जीत चुकी है। माकड़वाली रोड पर सेंट स्टीवंज चौराहे के पास उसने एक वर्ष पूर्व निगम के एक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी नेता के साथ मिलकर ब्यूटी सैलून खोला था लेकिन वह अब बंद हो चुका है। हाल ही उसने निगम की कर्मचारी सहकारी बचत व साख सहकारी समिति के डायरेक्टर का चुनाव भी जीता था।