scriptडकैत गिरोह को पकड़ पाने में पुलिस नाकाम | Police failed to get hold of dacoit gang | Patrika News

डकैत गिरोह को पकड़ पाने में पुलिस नाकाम

locationअजमेरPublished: Dec 01, 2020 10:48:48 pm

Submitted by:

Dilip

चंबल के बीहड़ों का बागी और बंदूक से नाता बहुत पुराना है। राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा का विभाजन करती चंबल में डकैतों की कहानियां छिपी हुई है। चंबल बीहड़ के हर चप्पे-चप्पे से वाकिफ डकैत पुलिस की घेराबंदी को चकमा दे रहे हैं। जहां एक ओर डकैत केशव गिरोह पुलिस पर फायरिंग के बाद पुलिस की पकड़ से बाहर बना हुआ है, तो वहीं डकैत मुकेश ठाकुर ने भी पुलिस पर हमला कर पुलिस को चुनौती दे डाली है।

धौलपुर. चंबल के बीहड़ों का बागी और बंदूक से नाता बहुत पुराना है। राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा का विभाजन करती चंबल में डकैतों की कहानियां छिपी हुई है। चंबल बीहड़ के हर चप्पे-चप्पे से वाकिफ डकैत पुलिस की घेराबंदी को चकमा दे रहे हैं। जहां एक ओर डकैत केशव गिरोह पुलिस पर फायरिंग के बाद पुलिस की पकड़ से बाहर बना हुआ है, तो वहीं डकैत मुकेश ठाकुर ने भी पुलिस पर हमला कर पुलिस को चुनौती दे डाली है। हालांकि पुलिस दबिश देकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस के बड़े लवाजमे के बंदोबस्त पर सवाल खड़े कर रहा है।
भौगोलिक स्थिति के जानकार दस्यु

पूर्व में चम्बल नदी के बहाव से हुए मिट्टी के कटाव से करौली, धौलपुर सीमा क्षेत्र के डांग इलाके में गड्डों का निर्माण हो गया। इन गड्डों को बीहड़, डांग और खादर के नाम से पुकारा जाता है। क्षेत्र डाकुओं की शरणस्थली के नाम से जाना जाता है। बीहड़ों के टेढ़े-मेढे रास्तों के डकैत जानकार और इन रास्तों के आवागमन के लिए स्वयं के स्तर पर चिन्ह भी लगाएं गए है। ऐसे में डांग क्षेत्र में अगर पुलिस दबिश देती है, वे बीहड़ के जानकार रास्तों से आसानी से सुरक्षित स्थान तक पहुंच जाते है।
आसानी से चंबल पार कर जाते है डकैत ….

चंबल नदी का बहाव क्षेत्र पठारीय है। पठारीय क्षेत्र होने के कारण चंबल नदी में कई जगह ऊबड़ खाबड़ हो जाने के कारण पानी का बहाव कम है। चंबल की भौगोलिक स्थिति के जानकार डकैतों ने बहाव क्षेत्र में उन रास्तों को चिन्हित कर रखा है, जहां पानी कम है। वे पुलिस के मुठभेड़ के दौरान आसानी से इन रास्तों से पड़ोसी राज्य की सीमा में प्रवेश कर जाते है और अपने आप को सुरक्षित कर लेते है। पुलिस बहती चंबल नदी के पार करने के रास्तों की जानकारी नहीं होने के कारण खड़ी रह जाती है। डांग क्षेत्र में डकैतों को पकडऩे के लिए पुलिस ने कई बार दबिश भी दी, लेकिन अक्सर वह चंबल पार कर पड़ोसी राज्य के पहुंच जाते हैं।
डांग में डकैतों के समर्थन को नहीं तोड़ पा रही पुलिस
डकैतों को डांग क्षेत्र के ग्रामीणों का समर्थन भी मिलना सामने आ रहा है। इन्हें ग्रामीणों की ओर से सभी प्रकार की रहने, खाने, सोने जैसी सभी सुविधाओं उपलब्ध कराई जाती है। बाहरी क्षेत्र में अपराध करने के बाद डकैत आकर डांग इलाके में छुप जाते है। गत माह पहले आगरा के व्यापारी और उसके पुत्र को अपहरण हो गया था। इसकी सूचना जब पुलिस को हुई तो इन अपह्रतों का डांग क्षेत्र में छुपा होना सामने आया। पुलिस के पहुंचने पर आरोपित अपह्रत पिता पुत्र को छोडक़र फरार हो गए। पड़ताल में अपह्रतों पिता पुत्र का यहां एक घर में कई दिनों तक बंधक बना कर रखने की जानकारी मिली है। इसके अलावा कई मामलों में डकैतों को गांवों में शरण दिए जाने के मामले सामने आए है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो