जानकारी के अनुसार राजाखेड़ा पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव तालपुरा के पास बलदेव ठाकुर के मकान में अवैध शराब का निर्माण हो रहा है, जिस पर पुलिस ने स्थानीय मकान में दबिश दी। यहां छत्रपाल पुत्र बलदेव ठाकुर निवासी वार्ड 15 महदवार मोहल्ला राजाखेड़ा को नकली शराब से पव्वे भरता हुआ पाया। पुलिस ने छत्रपाल को गिरफ्तार कर यहां तलाशी शुरू की। पुलिस ने 350 लीटर स्प्रिट, पव्वा सील करने की मशीन, अल्कोहल नापने के गेज, 996 नकली शराब के भरे हुए पव्वे, 7300 रैपर, 2160 खाली पव्वे, चार हजार ढक्कन बरामद किए गए ।
खड़े हुए कई सवाल
मौके पर मिले नकली शराब बनाने के संसाधनों के हिसाब से फैक्ट्री लम्बे समय से संचालित होना सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि फैक्ट्री में प्रतिदिन बड़ी मात्रा में नकली शराब का निर्माण हो रहा था । इतना ही नहीं पव्वों पर लगने वाले रैपरों व बड़ी मात्रा में मिले खाली पव्वे बता रहे थे कि कारखाना संचालक का नेटवर्क कितना विस्तृत है।
अब सवाल यह है कि जिले के पड़ोसी जिले भरतपुर के रूपवास दुखान्तिका, भीलवाड़ा दुखान्तिका, मुरैना दुखान्तिका के बाद नकली शराब पर चलाए गए पुलिस के अभियान की निगाहें यहां पर क्यों नहीं गई जबकि इस जगह के साथ सम्पूर्ण उत्तनगन नदी के किनारे भर को में अवैध शराब का निर्माण दशकों से हो रहा है। यह क्षेत्र नकली शराब के धंधे के लिए हमेशा कुख्यात रहा है।
चुनावों में सप्लाई की संभावनासूत्रों ने बताया कि इन दिनों राजाखेड़ा के सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ग्राम पंचायतों के चुनावों का जोर चरम पर है। ऐसे में राजाखेड़ा क्षेत्र से बड़ी मात्रा में अवैध शराब आगरा क्षेत्र में पहुंचाई जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यहां दुपहिया वाहनों से शराब वितरित की जाती रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गली-गली फुटकर दुकानो पर बिक रही अवैध शराब में भी इनकी बड़ी मात्रा होती है।