अदालती आदेश के बावजूद पुलिस ने मामले में पुलिस पर जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया है। जबकि अदालत में पुलिस को रिपोर्ट देनी है। पूर्व विधायक व कांगे्रसी नेता डॉ राजकुमार जयपाल कीओर से दिए शिकायती पत्र में बताया कि अजमेर बंद के दौरान 2 अप्रेल को परिवादी डॉ जयपाल, पूर्व मेयर कमल बाकोलिया, वकील जितेन्द्र खेतावत, पूर्व पार्षद विजय नागौरा अपने साथियों के साथ घर में बैठे थे। घर में समारोह था इस कारण मेहमान भी आए हुए थे।
घर में घुसकर अभद्रता
इसी दौरान पुलिस उपअधीक्षक दुर्ग सिंह, सीआईअलवर गेट हरिपाल सिंह,अयूब खान व अन्य सिपाही परिवादी के घर में घुस आए व उनके साथ अभद्रता करते हुए उन्हें घर से बाहर खींच कर ले गए और गाड़ी में बैठा कर थाने ले गए। बाद में शांतिभंग करने केआरोप में कार्रवाई कर पाबंद कर उन्हें छोड़ दिया गया। इस मामले में परिवादी डॉ जयपाल ने एससीएसटी कोर्ट में परिवाद कर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इसी दौरान पुलिस उपअधीक्षक दुर्ग सिंह, सीआईअलवर गेट हरिपाल सिंह,अयूब खान व अन्य सिपाही परिवादी के घर में घुस आए व उनके साथ अभद्रता करते हुए उन्हें घर से बाहर खींच कर ले गए और गाड़ी में बैठा कर थाने ले गए। बाद में शांतिभंग करने केआरोप में कार्रवाई कर पाबंद कर उन्हें छोड़ दिया गया। इस मामले में परिवादी डॉ जयपाल ने एससीएसटी कोर्ट में परिवाद कर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने पेश की थी रिपोर्ट अदाल पुलिस को जांच करने के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट बीती 6 दिसम्बर को पेश की गई थी। परिवादी का आरोप है कि पुलिस ने अब तक कोई जांच नहीं की है जबकि मात्र पांच दिन बाद अदालत को रिपोर्ट देनी है।