scriptपुलिस 11 साल से ढूंढती फिर रही थी उसको, जनाब मिले जेल के अंदर | police search person from 11 years found in jail | Patrika News

पुलिस 11 साल से ढूंढती फिर रही थी उसको, जनाब मिले जेल के अंदर

locationअजमेरPublished: Jan 14, 2018 04:21:07 pm

Submitted by:

raktim tiwari

गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए गए।

person found in jail

person found in jail

अजमेर।

चेक अनादरण के 11 साल पुराने मामले में पुलिस जिस आरोपित को वारंट लेकर गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी वह किसी अन्य मामले में जेल में बंद था। इस पर पुलिस ने उसे प्रोडक्शन वारंट से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए गए।
मामला 11 वर्ष पुराना मामला है। आरोपित सनोद निवासी अजय सिंह के खिलाफ 35 हजार रुपए के चेक अनादरण के दो मामले विचाराधीन थे। अदालत ने आरोपित को तलब किया लेकिन आरोपित हाजिर नहीं हुआ। इस पर उसे जमानती वारंट से तलब किया। फिर भी उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए।
इसका आरोपित पर असर नहीं हुआ। अदालत ने स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पत्रावली अस्थायी रूप से बंद कर दी। बाद में आरोपित अजय सिंह किसी अन्य मामले में जेल गया।

इसकी जानकारी मिलने पर बैंक की ओर से प्रोडक्शन वारंट जारी करवा दिए गए। लेकिन आरोपित को लाने के लिए पुलिस वारंट लेकर जब तक जेल पहुंचती आरोपित जेल से रिहा कर दिया गया। इस कारण प्रोडक्शन वारंट भी काम नहीं आए।
फरार वारंटी अभियान में धरा

कुछ समय से चलाए जा रहे फरार वारंटी धरपकड़ अभियान के तहत क्रिश्चियन गंज पुलिस ने गत दिनों आरोपित अजय सिंह को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। आरोपित के वकील कमल सिंह राठौड़ का तर्क रहा कि प्रोडक्शन वारंट उसे नहीं मिला इससे पहले ही वह जमानत पर रिहा हो गया। इस पर अदालत ने आरोपित को जमानत पर रिहा कर दिया।
मिलता पुलिस की सुस्ती का लाभ

कई गंभीर और सामान्य प्रकृित के मामलों में पुलिस की सुस्ती का आरोपितों का लाभ मिल जाता है। पुलिस के चालान डायरी, प्रोडक्शन वारंट समय पर प्रस्तुत नहीं करने पर अदालत के सामने मामले की तिथि बढ़ाने या आरोपित को रिहा करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। कई मामलों में कथित तौर पर जानबूझकर देरी की जाती है। इसका लाभ भी आरोपितों को मिल जाता है।
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